2KM लंबी रैली निकाल मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार का बड़ा ऐलान, क्या हैं मायने?

Big announcement of economic boycott of Muslims by taking out 2KM long rally, what is the meaning?
Big announcement of economic boycott of Muslims by taking out 2KM long rally, what is the meaning?
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मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में दक्षिणपंथी संगठनों ने मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार को लेकर एक बड़ी रैली निकाली। ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ द्वारा रविवार को 40 डिग्री तापमान के बीच मुंबई के मीरा रोड पर दो किलीमीटर लंबी आयोजित रैली के बाद प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने मीरा रोड के गोल्डन नेस्ट चौक से लगभग 2 किमी तक पैदल मार्च किया। मार्च समाप्त होने के बाद, कथित ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ भाषण दिए गए। इसी दौरान कुछ वक्ताओं ने मुस्लिम समुदाय का आर्थिक बहिष्कार करने का आह्वान किया।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने वाले वक्ताओं में शामिल काजल हिंदुस्तानी ने कहा, “इस्लामी आक्रामकता के तीन प्रमुख पहलू हैं। पहला है लव जिहाद,दूसरे नंबर पर लैंड जिहाद आता है और अंत में धर्मांतरण की समस्या है…। इन तीन सुलेमानी कीड़ों का समाधान एक ही है। यह एक ऐसा समाधान है जिसके लिए आपको राजनीतिक नेता नहीं रोकेंगे। यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट या मीडिया भी नहीं रोक पाएगी और वह समाधान उनका आर्थिक बहिष्कार।”

इस सभा का वीडियो पुलिस ने भी रिकॉर्ड किया है। सभा के दौरान हिंदुस्तानी ने कहा, “मीरा रोड पर नया नगर पर आज 97-98 प्रतिशत जिहादियों का कब्जा है। हिंदू कहां शरण लेंगे।”

इस रैली को मीरा भायंदर से निर्दलीय विधायक गीता जैन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। रैली में स्थानीय भाजपा नेताओं और वीएचपी और बजरंग दल जैसे संगठनों के सदस्यों के साथ-साथ बीजेपी विधायक नितेश राणे सहित भाजपा के कई नेताओं ने भाग लिया।

ये रैली सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदू जन आक्रोश मोर्चा को केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब “कोई घृणास्पद भाषण” न हो। इस बीच, वक्ताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों के बारे में पूछे जाने पर राणे ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार के आह्वान का समर्थन करते हैं।

दरअसल, ये रैली ऐसे वक्त में निकाली गई है, जब BMC चुनाव होने हैं। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों तेलंगाना और कर्नाटक में भी अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल लोकसभा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि इस तरह की रैली निकालकर दक्षिणपंथी संगठन समाज में गैर मुस्लिम ध्रुवीकरण चाहते हैं, ताकि उसका फायदा बीजेपी और उसकी समर्थक पार्टियों को मिल सके।