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मुजफ्फरनगर। कलक्ट्रेट परिसर में स्थित जिला सत्र एवं न्यायालय अब बाईपास पर ले जाने की तैयारी है। जगह की तंगी के कारण हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट की प्रशासनिक जज न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा को चार स्थानों पर जमीन दिखाई है। बिलासपुर, शेरनगर और मीरापुर गांव के क्षेत्र में से किसी एक स्थान पर जमीन का चयन किया जा सकता है।
जिला सत्र एवं न्यायालय परिसर में जगह की कमी है। वाहनों की आवाजाही में परेशानी है। अदालतों तक बंदियों को लाने और जे जाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्थिति यह है कि न तो अब न्यायालय के लिए अलग से निर्माण के लिए जगह बची है और न ही न्यायिक अधिकारियों के आवास की कोई व्यवस्था है। कई स्थानों पर न्यायिक अधिकारी रह रहे हैं। जनपद से गए प्रस्ताव के आधार पर हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को जमीन चिन्ह्ति करने के लिए पत्र भेजा था। इस पत्र के बाद जिला प्रशासन ने चार स्थानों पर जगह देखी थी। इनमें सांझक की जमीन के प्रस्ताव को छोड़ दिया गया है। बाईपास पर गांव बिलासपुर, शेरनगर और मीरापुर गांव के क्षेत्र में जमीन देखी गई है।
जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट की प्रशासनिक जज न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा को तीनों स्थानों पर जमीन दिखाई है। न्यायालय परिसर के लिए 40 से 50 एकड़ के बीच जमीन की आवश्यकता बताई गई है। तीनो स्थानों पर जमीन देख ली गई है। लोकेशन और जनता के लिए सुलभता देखी जा रही है। इस दौरान जिला जज चवन प्रकाश, एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर, सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार, एसडीएम सदर परमानंद झा मौजूद रहे। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अभी जमीन का चयन नहीं किया गया है, केवल जमीन दिखाई गई है।