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जबलपुर: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और एमपी एटीएस ने जबलपुर में ISIS के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इसके बाद से लगातार हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. आरोपियों के इरादे शांति के टापू एमपी को आतंक का अड्डा बनाने के थे. सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर जांच एजेंसियों ने धरपकड़ कर आरोपियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. एनआईए की पड़ताल में पता चला है कि एमपी में इस्लामिक स्टेट की गतिविधियां गजवा-ए-हिंद मुहिम के तहत संचलित करने की शुरुआत हो चुकी थी. इसकी कमान वकील उस्मानी और उसके बेटे ने अपने दोस्तों के साथ संभाली थी. अपनी गतिविधियों में मुस्लिम युवाओं को शामिल करने के लिए आरोपियों ने पूरा जाल बिछा लिया था.
आतंकी गतिविधियों से पहले ISIS के स्थानीय कट्टरपंथियों द्वारा WhatsApp पर ग्रुप बनाकर अपने हर अगले कदम की जानकारी साझा की जा रही थी. आरोपियों के मोबाइल फोन का रिकॉर्ड एजेंसियों ने खंगाला तो खौफनाक सूचनाएं सामने आईं. इसके मुताबिक आरोपी लव जिहाद के लिए हिंदू लड़कियों को टारगेट करना चाहते थे. इसके लिए वे स्मार्ट मुस्लिम युवाओं का चयन किया जाता और उन्हें हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाने का टारगेट दिया जाता.
तीन चरणों में दी जानी थी ट्रेनिंग
अपने लक्ष्य के लिए जो युवा संगठन से जुड़ रहे थे उन्हें तीन चरणों में ट्रेनिंग का प्रोग्राम बनाया गया था. ट्रेनिंग के लिए उन्हें अफगानिस्तान ले जाने का भी पूरा बंदोबस्त बताया गया था. ओमती स्थित पेशकारी मस्जिद में तकरीर के बाद आरोपी अपनी गतिविधियों के लिए बातचीत करते थे.
तीन आरोपी रिमांड पर
एनआईए ने इस मामले में मो. आदिल खान, सैयद मेमूर अली, और शाहिद खान को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से एसएलआर राइफल और जिंदा कारतूस बरामद हुए है. इनके खिलाफ हिंदू धर्म के खिलाफ WhatsApp और अन्य माध्यमों से टिप्पणियां करना और शामिल था. आरोपियों को तीन जून तक रिमांड पर लिया गया है. इसके अलावा एक अन्य वकील नईम खान से भी लंबी पूछताछ की गई है.