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मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की रविवार को हुए पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट-2021) में बड़ा खेल सामने आया है। इस परीक्षा में शत प्रतिशत वही प्रश्न पूछे गए जो पैट-2019 में थे। इस खेल को ऐसे समझा जा सकता है कि पूछे गए प्रश्नों के विकल्प में भी कोई बदलाव नहीं किया गया। इससे परीक्षा के सफलतापूर्वक आयोजन को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। 2019 के पीएचडी एडमिशन टेस्ट (PAT) और 2021 के टेस्ट के प्रश्न पत्र का मिलान किए जाने पर यह गड़बड़ी पकड़ में आई है।
दैनिक जागरण के पास उपलब्ध दोनों परीक्षाओं के प्रश्नपत्र की प्रति का मिलान करने पर प्रश्न पत्र के साथ ही उसके क्रम में भी कोई अंतर नहीं हैं। पैट-2021 की एक सीरीज में जो प्रश्न 31 नंबर पर है 2019 की परीक्षा में वह प्रश्न एक नंबर पर पूछा गया था। इसके बाद 50 तक का क्रम लगातार सभी प्रश्नों का एक समान है।इसके बाद पैट-2019 के प्रश्न पत्र के क्रम का 21 नंबर से 50 नंबर तक इस बार के पैट के सीरियल नंबर एक से तीस तक लगातार है। अगर प्रश्न पत्र की एक सीरीज को मिलाया जाए तो इसके क्रमांक में भी अंतर आने की संभावना कम है। माना जा रहा कि कई परीक्षार्थियों को परीक्षा से पूर्व ही प्रश्नों के दोहराए जाने की सूचना मिल गई थी। इससे इस परीक्षा में बड़ी कमाई की बात भी कही जा रही है। बता दें कि इस परीक्षा में छह केंद्रों पर 2185 परीक्षार्थी उपस्थित हुए थे। वहीं, 1667 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी।
जब एजेंसी ने सेट किया प्रश्न तो कैसे हुई इतनी बड़ी लापरवाही
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता कि सौ प्रतिशत प्रश्न हूबहू पूछे गए हों, लेकिन दैनिक जागरण के पास उपलब्ध प्रश्न में यह स्पष्ट है कि दोनों प्रश्न पत्र में क्रम संख्या एक से 50 तक के प्रश्न ही इस बार पूछे गए हैं। विश्वविद्यालय ने प्रश्नपत्र सेट करने के लिए एक एजेंसी को जिम्मा दिया था। एजेंसी को मोटी रकम भी इसके लिए दी गई। इसके बाद भी एक साथ सभी प्रश्नों का मिल जाना कुछ और ही इशारा कर रहा है।
कुलपति बोले- प्रश्न दोहराने की बात से संतुष्ट नहीं
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी से दैनिक जागरण ने इस मुद्दे पर मोबाइल पर बात की। उन्होंने कहा कि चार वर्ष बाद परीक्षा हुई है तो कुछ प्रश्नों का मिल जाना स्वाभाविक है। सौ प्रतिशत प्रश्नों के मिलने की बात से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त माहौल में ली गई है। इस कारण 40 प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थी केंद्र से बिना परीक्षा दिए लौट गए हैं। एक ही पैटर्न होने के कारण कुछ प्रश्न एक समान हो सकते हैं। प्रश्न पत्र को सेट करने का जिम्मा एजेंसी को दिया गया था। ऐसे में यह बात संदेहपूर्ण है कि सौ प्रतिशत प्रश्न दोहराया गया हो। यदि सौ प्रतिशत प्रश्नों की बात सत्य होती है तो इसकी जांच कराएंगे।