काले हिरण के शिकारियों का कोहराम, 3 पुलिसवालों को गालियों से भूना, मचा हाहाकार

Blackbuck hunters furious, 3 policemen were abused, there was an outcry
Blackbuck hunters furious, 3 policemen were abused, there was an outcry
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Guna Policemen Shot Dead By Blackbuck Poachers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) में काले हिरण (Blackbuck) के शिकारियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. जंगल में शिकारियों ने एसआई समेत 3 पुलिसकर्मियों को गोली मार दी है. गुना के एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोन थाना क्षेत्र के जंगल में शिकारियों ने आरोन थाने के एसआई, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल समेत 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी.

पुलिस और शिकारियों के बीच हुई मुठभेड़
बता दें कि आरोन के जंगल में 4 काले हिरण और 1 मोर का शिकार करने के बाद शिकारी लौट रहे थे, तभी उनका सामना पुलिस से हो गया. पुलिस और शिकारियों की आपस में मुठभेड़ हो गई. दोनों ओर से लगभग 50 से ज्यादा राउंड फायर किए गए. शिकारियों ने पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें सब-इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव, हेड कॉन्स्टेबल संतराम मीना और कॉन्स्टेबल नीरज भार्गव की घटनास्थल पर मौत हो गई. पुलिस की सरकारी जीप के निजी ड्राइवर के हाथ में गोली लगी है.

शिकारियों ने लूटी पुलिस की रायफल
जान लें कि शिकारियों ने पुलिस की एक रायफल भी लूट ली और फरार हो गए. बताया जा रहा है कि शिकारी मोटरसाइकिल पर सवार होकर जंगल में शिकार करने पहुंचे थे. पुलिस ने मृतक पुलिसकर्मियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वन विभाग ने भी चारों काले हिरणों और मोर के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

दिग्विजय सिंह ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
बेहद सनसनीखेज मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘कल रात को गुना जिले के आरोन थाने में पुलिस इंस्पेक्टर जाटव प्रधान, आरक्षक भार्गव और आरक्षक मीना की हिरण के शिकारियों ने हत्या कर दी. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं. पुलिस से अनुरोध करता हूं इन अपराधियों की जांच कर इन्हें कठोर से कठोर सजा दिलवाएं.’

पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस सक्ते में है. घटनास्थल पर एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने पहुंचकर मामले की जांच की. वहीं, FSL की टीम ने भी सबूत जुटाए. बता दें कि काले हिरण का शिकार पूरी तरह से प्रतिबंधित है. वहीं, राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार पर भी बैन है. इसके बावजूद धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा था.