जब तक मैगजीन खाली नही होती तब तक गोलियां चलवाता था कुख्यात गोगी, अपनी मौत आई तो…

इस खबर को शेयर करें


नई दिल्ली। छोटा शिव मंदिर, नवल पार्क गांव अलीपुर, दिल्ली निवासी जितेन्द्र मान उर्फ गोगी इतना शातिर था कि वह 30 वर्ष की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कुख्यात हो गया था। ताबड़तोड़ गैंगवार को अंजाम देने व दिलवाने वाला जितेंद्र गोगी खुद गैंगवार में मारा गया। उसकी टिल्लू ताजपुरिया से गैंगवार चल रही थी। गोगी और टिल्लू गैंग के बीच अबतक कई बार गैंगवार हो चुका है जिसमें 12 से ज्यादा अपराधी मारे जा चुके हैं। अब इसी गैंगवार की भेंट खुद गोगी भी चढ़ गया। जितेन्द्र गोगी पुलिस की कस्टडी से कई बार फरार हो चुका है। आगे पढ़ें जितेंद्र गोगी कैसे बना दिल्ली का टॉप टेन गैंगस्टर और कैसे जेल में रहकर भी वो बड़ी-बड़ी वारदात को अंजाम दे पाने में सफल हो रहा था…

जितेंद्र गोगी तीन बार पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था। गिरफ्तारी से पहले वह दिल्ली-हरियाणा पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द था। दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला गोगी 30 जुलाई 2016 की सुबह बहादुरगढ़ में दिल्ली पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था। तब हरियाणा रोडवेज की बस से नरवाना कोर्ट में पेशी पर ले जाते वक्त बहादुरगढ़ में दो कारों में सवार 10 बदमाशों ने बस को ओवरटेक कर रुकवा लिया था।

पहले से ही बस में बैठे कुछ बदमाशों ने पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च झोंक दी और फायर करते हुए गोगी को छुड़ाकर ले गए थे। गोगी व उसके साथी पुलिसवालों के असलहा भी लूट ले गए थे। इसके बाद गोगी अपने गुर्गों के साथ दिल्ली और हरियाणा में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती देने लगा।

सिंगर की हत्या में नाम सामने आया था-
हरियाणवी सिंगर और डांसर हर्षिता दहिया की पानीपत में अक्टूबर 2017 में हत्या हुई। हर्षिता के जीजा दिनेश कराला ने गोगी को सुपारी दी थी। नवंबर 2017 में ताजपुर निवासी टीचर दीपक बालियान का स्वरूप नगर में मर्डर हुआ। जनवरी 2018 में अलीपुर के रवि भारद्वाज को 25 गोलियां मार छलनी कर दिया। जून 2018 में बुराड़ी में टिल्लू गैंग से हुई गैंगवॉर में 4 लोग मारे गए और 5 जख्मी हुए। नरेला में अक्टूबर 2019 में आम आदमी पार्टी के नेता वीरेंद्र मान उर्फ कालू को 26 गोलियां मार मौत के घाट उतार दिया। इस साल 19 फरवरी को रोहिणी के कंझावला में आंचल उर्फ पवन की 50 राउंड फायरिंग कर हत्या की।

हाल ही में जेल से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी-
मोस्ट वांटेड की सूची में टॉप पर रह चुका गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी (30) तिहाड़ जेल से दुबई के कारोबारी से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने की वजह से भी सुर्खियों में था। दुबई का कारोबारी लॉकडाउन में जब रोहिणी स्थित अपने घर पर आया तो उसने रंगदारी मांगी गई थी। बदमाशों ने फायरिंग कर जितेन्द्र गोली के नाम पर रंगदारी मांगी थी।  वह जेल से ही रंगदारी, फिरौती के लिए अगवा करने और सुपारी लेकर मर्डर करने का काला कारोबार जारी रखा था।

करीब चार साल पहले 17 अक्तूबर 2017 को इसराना के गांव चमराड़ा में हरियाणवीं अभिनेत्री व गायिका हर्षिता दहिया की हत्या में कुख्यात गैंगेस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी शामिल रहा है। शुक्रवार को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में दो बदमाशों ने गोली मारकर गोगी की हत्या कर दी। पानीपत पुलिस जितेंद्र उर्फ गोगी को प्रोडक्शन रिमांड पर लाने का प्रयास कर रही थी लेकिन कोरोना एवं सुरक्षा कारणों की वजह से सफल नहीं हो पाई।

पुलिस के मुताबिक, हर्षिता हत्याकांड के दो अन्य आरोपी कुलदीप उर्फ फज्जा और रोहित से पुलिस प्रोडक्शन रिमांड पर पूछताछ कर चुकी है। गायिका की हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल और कार भी पानीपत पुलिस बरामद कर चुकी है। चार माह पहले दिल्ली में हुए गैंगवार में कुलदीप फज्जा की भी हत्या हो चुकी है।

हर्षिता की हत्या उसके जीजा दिनेश कराला ने कराई थी। दिनेश कराला पानीपत पुलिस की पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर चुका है। कराला पर हर्षिता के साथ दुष्कर्म करने का मुकदमा भी चल रहा है। इस केस में हर्षिता की मां गवाह थी। दिनेश ने अपनी सास की हत्या हर्षिता की आंखों के सामने कर दी थी। इस केस में हर्षिता गवाह थी। इसलिए दिनेश ने गैंगस्टर गोगी से गांव चमराड़ा में हर्षिता की हत्या कराई थी।

गोगी को पानीपत पुलिस ने किया था गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, छह साल पहले समालखा के हथवाला गांव के पास पुलिस और गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी और अलीपुर गांव निवासी जरनैल की पुलिस से मुठभेड़ हुई थी। इसमें सीआईए-3 ने गोगी को पकड़ लिया था लेकिन उसका दोस्त जरनैल फरार हो गया था। गोगी ने पूछताछ में बताया था कि शाहपुर के साकार निवासी अमित उर्फ कमांडर, दिल्ली के ताजपुर निवासी सुनील उर्फ टिल्लू, नरेश और तारपुर निवासी दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल पवन की हत्या की साजिश थी। इसके लिए ही वह राजस्थान के अलवर और यूपी के कैराना से हथियार लेकर आए थे। आरोपियों ने हत्या के लिए चारों की रेकी भी कर लिए थे। सिर्फ मौका तलाश रहे थे। पुलिस ने इनके पास से कार से चार डोगा बंदूक, तीन पिस्तौल, एक रिवाल्वर, दो कट्टे और 20 गोलियां बरामद की थीं।

30 जुलाई 2016 को पेशी पर जाते हुए गोगी हो गया था फरार
गोगी 30 जुलाई 2016 को दिल्ली से जींद कोर्ट में पेशी पर ले जाते हुए फरार हो गया था। उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्ची डालकर उसे छुड़ाया था। हर्षिता की हत्या कराने के लिए दिनेश ने अपने गुर्गे के माध्यम से गोगी के पास मैसेज भेजा था। गोगी ने शार्प शूटर कुलदीप उर्फ फज्जा और रोहित के साथ मिलकर 17 अक्तूबर 2017 को कार्यक्रम से लौट रही हर्षिता की चमराड़ा गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाशों ने कार चालक, सहयोगी लड़के संजीव निवासी गुमड़ और निशा निवासी बल्लभगढ़ को नीचे उतार दिया और हर्षिता पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थीं। हर्षिता को 12 गोलियां मारी गईं थीं।

गोगी के गुर्गे ने ही कराई उसकी हत्या
वर्ष 2009 में जेल से आने के बाद जितेंद्र गोगी ने गिरोह बना लिया। उसके गिरोह में सुनील उर्फ टिल्लू भी था। वर्ष 2012 में सुनील ने अलग गिरोह बना लिया। जितेंद्र उसकी हत्या करना चाहता था। दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल पवन सुनील के गांव का है। उसे शक है कि पवन सुनील की आर्थिक मदद करता था। इसलिए गोगी पवन की हत्या कराना चाहता था। दोनों गैंग के बीच कई बार मुठभेड़ हो चुकी थी। बदमाश वकील की वर्दी पहनकर कोर्ट में घुसे और गोगी को मार दिया। दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने दोनों हमलावरों को मौके पर ही ढेर कर दिया।