अभी अभीः पेट्रोल-डीजल पर फिर खुशखबरी, अभी ओर कम होंगे दाम, जानकर होंगे हैरान

Now now: Good news on petrol and diesel again, prices will be lower now, you will be surprised to know
Now now: Good news on petrol and diesel again, prices will be lower now, you will be surprised to know
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती से केंद्र सरकार के खजाने में इस वित्तीय वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये कम जमा होंगे। उधर, उज्ज्वला योजना के लाभुकों के लिए सब्सिडी पर 6,100 करोड़ रुपये का खर्च होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बातें बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले छह महीने में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में दूसरी बार कटौती की है। सीतारमण जब यह बोल रही थीं, तब विपक्ष शासित राज्य सरकारों पर वैट घटाने का अलग दबाव बन रहा था।

पेट्रोल 9.5 रुपये, डीजल 7 रुपये सस्ता
बहरहाल, केंद्र सरकार के ताजा फैसले से पेट्रोल की दर 9.5 रुपये प्रति लीटर घट जाएगी जबकि डीजल भी प्रति लीटर 7 रुपये सस्ता हो जाएगा। हालांकि, यह राज्यों में लागू वैट की दर पर निर्भर करेगा। केंद्र सरकार ने 4 नवंबर, 2021 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपये जबकि डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की दर से कटौती की थी। इस बार की कटौती के बाद पेट्रोल-डीजल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है बल्कि कुछ पैसे और कम हो गई है। 1 मार्च, 2020 को पेट्रोल पर 19.98 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल पर 15.83 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी लागू थी। अब यह क्रमशः 19.90 रुपये और 15.80 रुपये हो गई है।

यूक्रेन संकट के कारण आसमान पर कच्चे तेल का दाम
ध्यान रहे कि एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती तब हुई है जब रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जंग खत्म नहीं हुई है। यूक्रेन संकट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव आसमान छू रहा है। सरकार ने इस मंहगाई का बोझ जनता पर डाल रखा था जिस कारण पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर का भाव छू चुका था। वहीं, रसोई में इस्तेमाल होने वाला एलपीजी गैस सिलिंडर देश के ज्यादातर हिस्सों में 1,000 रुपये को पार कर गया।

विपक्ष शासित राज्यों पर दोगुना हुआ दबाव
एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती से महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्ष शासित उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा घटेंगी जहां वैट ज्यादा है, बनिस्बत कम वैट वाले राज्यों के। इसका कारण यह है कि राज्य पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य दूसरे शुल्कों के आधार पर तय करते हैं। एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती के कारण ज्यादा दर से वैट वसूलने वाले राज्यों को कटौती भी हाई रेट से ही करनी होगी।

पीएम मोदी के बयान से हुई थी विपक्षी राज्यों की फजीहत
विपक्ष केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ता रहा है कि केंद्र सरकार कोविड से हलकान जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। इसके लिए कोविड के बाद पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में इजाफे का भी हवाला दिया जा रहा है। अब जब एक्साइज ड्यूटी घटकर कोविड के वक्त से पहले के स्तर पर आ गया है तब बारी अब विपक्ष के दबाव में आने का है। जिन राज्यों ने 4 नवंबर, 2021 की एक्साइज ड्यूटी में कटौती के अनुकूल वैट नहीं घटाया था, उन पर अब डबल कटौती का दबाव बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यों के साथ मीटिंग में यह मुद्दा उठाकर विपक्ष पर दबाव बना चुके हैं।