आरबीआई अब छोटी ब्याज दरों में कटौती करने पर सहमत

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नई दिल्ली। भारत में बैंक और बैंकिंग नियामक आरबीआई अब छोटी ब्याज दरों में कटौती करने पर सहमत दिख रहे हैं। कुछ दिन पहले भी केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने छोटी बचत पर ब्याज दरें (Small saving rates) कम करने की घोषणा की थी, लेकिन देश में चल रहे चुनाव और उस पर इसका असर पड़ने की आशंका की वजह से इस फैसले को एक दिन में ही वापस ले लिया गया था।

स्मॉल सेविंग रेट में कटौती करने का उद्देश्य आर्थिक संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में कर्ज लेने की दर को कम करना है। देश में सरकार की लगातार बढ़ती उधारी की वजह से बांड यील्ड में लगातार तेजी आ रही है। इस वजह से बैंकिंग नियामक पर स्मॉल सेविंग रेट में कटौती करने का दवाब बन रहा है।

छोटी बचत में क्या-क्या हैं शामिल?
छोटी बचत में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) , नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) और मंथली इनकम अकाउंट (MIA) जैसी चीजें शामिल हैं। इस समय इन पर 6.6 से लेकर 7.6 फ़ीसदी तक का ब्याज मिल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि अगले महीने छोटी बचत योजनाओं (Small saving rates) पर ब्याज दर में 1 फ़ीसदी तक की कमी की जा सकती है।

निजी निवेश बढ़ाने की कोशिश कामयाब नहीं
देश में निजी सेक्टर का निवेश बढ़ाने की सरकार की कोशिश अभी सफल नहीं हो पा रही है। इस वजह से उसे सरकारी खर्च बढ़ाना पड़ रहा है। सरकार की उधारी दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और इस वजह से पिछले एक साल में बांड यील्ड में काफी तेजी दर्ज की जा रही है। केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, “अगले महीने छोटी बचत दर कम हो सकती है। राज्य के विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब सरकार के पास ब्याज दरों में कमी करने का सही मौका है। छोटी बचत पर ब्याज दरें कम करके सरकार ब्याज दरों के बाजार में एकरूपता कायम रख सकती है और इसकी वजह से फेडरल या कॉरपोरेट फंडिंग की लागत घटाने में मदद मिल सकती है।”

ब्याज दरें घटाने की गुंजाइश बाकी
देश में बड़ी संख्या में लोग छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं और बहुत से लोगों के लिए आमदनी का यह एकमात्र साधन होता है। ऐसे में इन पर ब्याज दरें कम करने से लोगों की आमदनी घटने की आशंका जताई जा रही है। इस समय भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में 1 साल के टर्म डिपॉजिट पर 5 फ़ीसदी ब्याज दिया जाता है, जबकि सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6% ब्याज मिल रहा है। इसी तरह पीपीएफ अकाउंट पर 7.1 फ़ीसदी ब्याज मिल रहा है जबकि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 और किसान विकास पत्र पर 6.9% ब्याज मिल रहा है। अगस्त 2019 से भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में 175 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है और इसे 4 फीसदी पर ला दिया है। इस बीच छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 110 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वजह से रिजर्व बैंक के पास छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने की गुंजाइश बाकी है।