अभी अभीः देश के इन 3 राज्यों में आज तीन दिन का बंद, न निकले घर से बाहर

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नई दिल्ली। माओवादियों के शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा (Prashant Bose aka Kishan Da) और उसकी पत्नी को झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही माओवादियों (Maoist) में बौखलाहट है. इसी बौखलाहट में माओवादियों ने चार राज्यों में आज यानी बुधवार से तीन दिन के बंद का आह्वान किया है.
झारखंड (Jharkhand), बिहार (Bihar), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को माओवादियों के तीन दिवसीय बंद को लेकर झारखंड के पलामू (Palamu) क्षेत्र के तीनों जिलों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को सतर्क रखा गया है और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
रेल, सड़क मार्गों पर बरती जा रही चौकसी
मेदिनीनगर में बातचीत में पलामू क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) राज कुमार लकड़ा ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पलामू, गढ़वा और लातेहार (Latehar) जिले के पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा प्रबंध कड़े करने एवं सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों जैसे रेलवे, वाहनों के आवागमन के रास्तों में चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे आकस्मिक घटनाओं से निपटा जा सके.
डीआईजी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त एवं निगरानी तेज कर दी गई है और संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेने के लिए छापेमारी जारी है. उल्लेखनीय है कि माओवादियों के शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उसकी पत्नी को झारखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद नक्सल आहुत यह दूसरा बंद है.
Ranchi Central Jail में 6 माओवादी
बता दें कि भाकपा माओवादियों के सेकेंड इन कमान प्रशांत बोस सहित छह माओवादियों को सोमवार को ही रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. प्रशांत बोस के साथ उसकी पत्नी व सेंट्रल कमेटी मेंबर शीला मरांडी, वीरेंद्र हांसदा, राजू टूडू, कृष्णा व गुरूचरण बोदरा को भी रांची जेल में रखा गया है. सोमवार दोपहर को ही भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इन सभी माओवादियों को सरायकेला जेल से रांची सेंट्रल जेल लाया गया था.
Maoist में दिख रही बौखलाहट
माओवादियों को सरायकेला जेल भेजने से पहले 150 घंटे तक रिमांड पर रखा गया था. सुरक्षा कारणों से सभी माओवादियों को सरायकेला जेल से रांची की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था. प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद माओवादियों में बौखलाहट साफ देखी जा सकती है. इस गिरफ्तारी के बाद माओवादियों ने लातेहार में रेलवे ट्रैक उड़ा दिया, चाईबासा और खूंटी के कोचांग में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया.
माओवादी उन पुलिसबलों और एजेंसियों को निशाना बनाना चाहते हैं, जो किसी न किसी प्रकार प्रशांत बोस की गिरफ्तारी में शामिल रहे हैं.