राजस्थान कांग्रेस में बड़ी फूट, अपने ही मंत्री के खिलाफ विधायकों ने बोली ऐसी बात

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नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस की अंतर्कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है। अपने विधायकों का मन टटोलने की जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी अजय माकन को दी गई है। वह इन दिनों विधायकों से मंत्रियों के फीडबैक ले रहे हैं। दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक माकन ने बुधवार को 66 विधायकों से फीड बैक लिया। जहां विधायकों ने अपने ही मंत्रियों के खिलाफ जमकर शिकायत की। पार्टी के लिए राहत की बात ये रही कि किसी भी नेता ने मीटिंग के बाद सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की।

विधायकों ने माकन से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की शिकायत की। विधायकों ने कहा कि डोटासरा ठीक से बात नहीं करते हैं। बीडी कल्ला और रघु शर्मा को लेकर विधायकों ने कहा कि न ही मुलाकात करते हैं और न ही काम कराते हैं। और तो और नाराज विधायकों ने शांति धारीवाल के जयपुर के प्रभारी मंत्री के तौर पर काम को जीरो बता दिया।

माकन ने विधायकों से पूछा कि प्रभारी मंत्री कैसा काम कर रहे हैं, विकास योजनाओं में उनका काम कैसा है, क्या आपकी उनसे कोई शिकायत है। इसके अलावा उन्होंने विधायकों से राजनीतिक नियुक्तियों के लिए प्रभावी कार्यकर्ताओं के नाम भी पूछे। माकन आज (गुरुवार 29 जुलाई) भी अपने विधायकों से बात करेंगे। फीडबैक के दौरान वह विधायकों से राज्य में दोबारा कांग्रेस के जीतने के फार्मूले पर भी राय ले रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी फीडबैक के आधार पर मंत्रियों के बने रहने या फिर जाने के आसार बनेंगे, हालांकि आखिरी फैसला पार्टी प्रमुख का ही होगा। बताया जा रहा है कि माकन सभी विधायकों के साथ बातचीत के मुख्य बिंदुओं को अपने नोटपैट पर खुद लिख रहे थे।

इधर माकन के फीडबैक कार्यक्रम के इतर सीएम गहलोत ने गुरुवार रात को विधायकों के लिए डीनर पार्टी का आयोजन किया है। बुधवार को उन्होंने घोषणापत्र क्रियान्वयन की बैठक बुलाई थी। जहां उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि 31 जुलाई को घोषणापत्र कमेटी के चेयरमैन के साथ बैठक होगी। इस मीटिंग से पहले सभी विभाग अपने घोषणापत्र बिंदुओं की रिपोर्ट तैयार कर लें।

फीडबैक को लेकर विधाय़कों में अलग-अलग राय भी देखने को मिल रही है। पायलट समर्थक विधायक कहे जाने वाले वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि जीते हुए विधायकों से तो राय ली जा रही है, वह नेता भी महत्वपूर्ण हैं, जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद हार गए थे। वहीं हाड़ौती के एक कांग्रेस विधायक ने कहा मैं 6 बार जीता हूं, 3 बार हारे हुए विधायक मेरा फीडबैक क्या देंगे। वहीं एक विधायक ने कहा कि यह विधायकों की रायशुमारी नहीं बल्कि मंत्रियों का एग्जिट पोल है।