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Bihar Budget 2023 : बिहार के लोगों के लिए आज खास दिन है। राज्य की गठबंधन सरकार मंगलवार को 2023 के लिए बिहार बजट पेश करने जा रही है। भाजपा छोड़कर तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन सरकार बनाने वाले CM नीतीश सरकार के लिए इस साल का बजट काफी अहम है। राज्य पर भारी कर्ज है, एवं कोरोना के बाद राज्य के बुनकर और छोटे उद्योग भी सरकार से किसी बड़ी योजना की उम्मीद कर रहे हैं।
राज्य के लोग बीते साल 15 अगस्त को गांधी मैदान में 20 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा पर अब अमल की उम्मीदें कर रहे हैं। राज्य सरकार इस बार बजट स्वरोजगार के रूप में भी पेश कर सकती है। इस बजट में रोजगार पर ध्यान दिया जा सकता है।
आर्थिक सर्वेक्षण के ये आंकड़े हैं महत्वपूर्ण
राज्य ने विकास दर के मामले में वित्त वर्ष 2021-22 में 10.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 8.68 प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 में प्रति व्यक्ति जीएसडीपी के लिए राज्य के सभी 38 जिलों में तीन सबसे समृद्ध जिले पटना (1,15,239 रुपये), बेगूसराय (45,497 रुपये) और मुंगेर (42,793 रुपये) रहे।
आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार का कुल व्यय 1.93 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 1.59 लाख करोड़ (82.4 प्रतिशत) रुपये राजस्व व्यय हुआ।
बिहार राज्य के बजट का आकार साल 2021-22 में दो लाख 18 हजार 302 करोड़ 70 लाख रुपए था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर दो लाख 37 हजार, 691 करोड़ 19 लाख रुपए हो गया था। दोनों ही बार जदयू-भाजपा की सरकार ने बजट पेश किया था।
राज्य की अर्थव्यवस्था भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आंध्र प्रदेश (11.4 प्रतिशत) और राजस्थान (11.04 प्रतिशत) के बाद बिहार की 10.98 प्रतिशत की वृद्धि देश के शीर्ष पांच सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में तीसरे स्थान पर है।