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पटना. बिहार में राज्यसभा के साथ ही विधानपरिषद चुनाव 2022 की सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं. महागठबंधन में इसको लेकर ज्यादा उठा-पटक देखी जा रही है. लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 3 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इससे कांग्रेस और भाकपा माले बेहद नाराज है. कांग्रेस ने तो राजद को खुलेआम चेतावनी दे डाली है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आरजेडी प्रत्याशी बिना उनकी पार्टी के समर्थन के नहीं जीत सकते हैं. साथ ही कहा कि बिना बातचीत के मनमाने तरीके से उम्मीदवार उतारने का खामियाजा राष्ट्रीय जनता दल को भुगतना पड़ेगा. बता दें कि 21 जुलाई को बिहार विधानपरिषद की 7 सीटें रिक्त हो रही हैं. इसके लिए अगले महीने चुनाव होना है.
कांग्रेस विधायक ने राजद के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. लालू यादव की पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारने के बाद शकील अहमद ने कहा कि राजद को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों को लेकर राजद ने कांग्रेस और भाकपा माले से कोई बातचीत नहीं की है. शकील अहमद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना उनकी पार्टी के समर्थन के राजद का उम्मीदवार विधानपरिषद का चुनाव नहीं जीत सकता है. उन्होंने बताया कि एमएलसी उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस और माले एक साथ है. बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियां साथ में मिलकर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं.
शकील अहमद के साथ ही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद अखिलेश सिंह ने भी आरजेडी के रवैये पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि विधानपरिषद चुनाव में आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार उतारने का एकतरफा फैसला किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि जब कभी सीटों के बंटवारे की बात होती है तो वह प्रभारी ही करते हैं, लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि राजद ने एकतरफा फैसला किया है. पहले माले से प्रत्याशी बनाए जाने की बात थी. इसके बाद कांग्रेस का हक (1 सीट पर) बनता था.