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पटना। जातिगत जनगणना को लेकर बिहारकी राजनीति गर्माने लगी है. इसी मसले को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारविपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत कुल 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसे मुलाकात की. ये मुलाकात करीब 40 मिनट से अधिक वक्त तक चली.
इन नेताओं की मांग है कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए, जिससे पिछड़ी जातियों के विकास में तेज़ी लाई जा सके. कई दशकों से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है, लेकिन अब एक बार फिर बिहार से ये आवाज फिर उठी है. कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी इसकी मांग की है.
बैठक के बाद क्या बोले नीतीश कुमार?
नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा कि सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातिगत जनगणना की मांग की है. बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियों का इसको लेकर एक ही मत है. नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार के एक मंत्री की ओर से बयान आया था कि जातिगत जनगणना नहीं होगी, इसलिए हमने बाद में बात की. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात सुनी है.
राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ये ऐतिहासिक काम होकर रहेगा, जब जानवरों की गिनती हो रही तो फिर इंसानों की गिनती भी होनी चाहिए. अगर धर्म के आधार पर भी गिनती हो रही है, तो जाति के आधार पर भी गिनती होनी चाहिए.