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इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन को रोकने के लिए पाकिस्तान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। भारत के खिलाफ जहरीले बयान देने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने चीन से लेकर तुर्की तक से अनुरोध कर डाला कि वे इसका विरोध करें। उन्होंने इस्लामिक देशों से भी गुहार लगाई। पाकिस्तान के दबाव में आकर चीन, सऊदी अरब और तुर्की ने जी-20 सम्मेलन से किनारा भी कर लिया लेकिन दुनिया 3 ऐसे मुस्लिम देश भी थे जो भारत के साथ खुलकर खड़े हो गए।
ये तीन मुस्लिम देश थे, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात तो खुलकर भारत के साथ हर मोर्चे पर मदद कर रहा है। यूएई जहां कश्मीर में करोड़ों डॉलर का निवेश कर रहा है और शॉपिंग माल बना रहा है, वहीं उसने पाकिस्तान को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की नसीहत भी दी है। यूएई ने जनरल बाजवा के आर्मी चीफ रहने के दौरान भारत के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर पर बातचीत भी शुरू कराई थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों यूएई के दौरे पर भारत से दोस्ती के लिए गुहार लगाई थी। वहीं बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले हुए है। श्रीनगर में आयोजित जी-20 बैठक राज्य में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम था। बांग्लादेश ने अपने उच्चायुक्त को श्रीनगर भेजा, वहीं यूएई ने अपने दो अधिकारियों को श्रीनगर भेजा था। इंडोनेशिया सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश होने के साथ-साथ इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी का सदस्य देश भी है।
यह वही ओआईसी है जो पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। इंडोनेशिया, बांग्लादेश और यूएई ये तीनों ही देश ओआईसी के सदस्य देश हैं। इन तीनों देशों का भारत के साथ खड़ा होना यह दर्शाता है कि इनके बीच दोस्ती अब परवान चढ़ चुकी है जो अब और मजबूत हो रही है। पीएम मोदी ने पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लिया था। बांग्लादेश और भारत अपने संबंधों के स्वर्णिम काल में हैं। वहीं यूएई के साथ अर्थव्यवस्था लेकर खाद्यान के क्षेत्र में सहयोग बहुत ही मधुर हो गया है।