अंडरवर्ल्ड डॉन से जुड़ा बिशप पीसी सिंह का तार, दाऊद इब्राहिम का ‘दाहिना हाथ’ से करोड़ों का सौदा

Bishop PC Singh's wire related to underworld don, Dawood Ibrahim's 'right hand' deal worth crores
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भोपाल। ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह छात्रों की स्कूल फीस से जुटाए गए करोड़ों की हेर-फेर और अन्य असंवैधानिक गतिविधियों के आरोप में ईओडब्ल्यू के शिकंजे में फंस चुका है। वहीं अब पीसी सिंह के तार अंडरवर्ल्‍ड डान दाउद इब्राहिम से जुड़ने लगे हैं।

चर्चा है कि पीसी सिंह दाउद इब्राहिम का दाहिना हाथ माने जाने वाले रियाज भाटी का करीबी है। यह भी कहा जा रहा है कि बिशप पीसी सिंह ने मिशनरी की मुंबई जिमखाना स्थित जमीन का सौदा रियाज भाटी से तीन करोड़ रुपये में किया था। मुंबई में रियाज भाटी की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से जमीन की सौदेबाजी के दस्तावेज पुलिस को मिले थे।

मालूम रहे कि छत्तीसगढ़ के आरटीआइ एक्टिविस्ट नितिन लारेंस ने पीएमओ, प्रवर्तन निदेशालय ईडी समेत कुछ अन्य जांच एजेंसियों में बिशप सीपी सिंह के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि न सिर्फ मुंबई बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में बिशप व उसके साथियों ने मिशनरी की कई बेशकीमती जमीनें खुर्द बुर्द की हैं।

भू माफियाओं से सांठगांठ, मतांतरण कर अपनाया ईसाई धर्म
जबलपुर में भी भू माफियाओं से सांठगांठ कर बिशप ने मिशनरी की कीमती जमीन औने पौने दामों में बेची है। जबलपुर में बेची गई मिशनरी की जमीनों के पुराने दस्तावेजों की जांच कर हकीकत से पर्दा हटाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि ईसाई धर्मगुरु बिशप सिंह ने मतांतरण के बाद ईसाई धर्म अपनाया था।

समस्तीपुर बिहार निवासी बिशप सिंह को 2017 में सीनेट का माडरेट चुना गया था।माडरेट की हैसियत से उसने रियाज भाटी के साथ जिमखाने की जमीन का सौदा किया था। मुंबई में जान विल्सन कालेज एंड सोसायटी के समीप चर्च आफ नार्थ इंडिया सीएनटी में जिमखाना बनवाया था। रियाज भाटी के पकड़े जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जमीन को खरीदने का अनुबंध रद्द कर दिया था।

यूपी, एमपी, राजस्थान, पंजाब में भी दर्ज है एफआइआर
इधर, बताया जा रहा है कि बिशप पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब आदि राज्यों के कई शहरों में विभिन्न प्रकरणों में एफआइआर दर्ज हैं। बिशप सिंह 1986 में जबलपुर आया था। बिशप पर मतांतरण के भी आरोप लगाए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित बिशप हाउस (आवास) तथा कार्यालय में गुरुवार सुबह ईओडब्ल्यू ने सर्च कार्रवाई की थी। न्यायालय से सर्च वारंट लेकर पहुंची ईओडब्ल्यू टीम देर रात तक कार्रवाई में जुटी रही।

फीस में करीब पौने तीन करोड़ रुपये का गबन
बिशप के खिलाफ स्कूलों में छात्रों की फीस में करीब पौने तीन करोड़ रुपये के गबन की शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए थे कि बिशप सिंह ने पद पर रहते हुए छात्रों की फीस में करीब पौने तीन करोड़ रुपये का गबन किया था।

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि शिकायत की जांच डीएसपी मंजीत सिंह से कराई गई थी। जांच में सामने आया कि बिशप सिंह द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन कर उसका चेयरमैन बन गए थे।

पद का दुरुपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली विद्यार्थियों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लाकर गबन किया गया था।

एफआइआार दर्ज कर की जा रही जांच
शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच करीब दो करोड़ 70 लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन के प्रमाण मिले। जिसके बाद बिशप पीसी सिंह एवं तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म एवं संस्थाएं बीएस सोलंकी के खिलाफ अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत एफआइआार दर्ज कर जांच की जा रही है।