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गुरुग्रामः हरियाणा में एक हिला देने वाली खबर सामने आई है। यहां पर एक 14 वर्षीय लड़की के साथ ऐसी दरिंदगी की गई कि रूह कांप जाए। यह बच्ची गुरुग्राम के एक घर में काम करती थी। उसका यौन उत्पीड़न किया गया। यातना दी गई। वीडियो क्लिप के साथ ब्लैकमेल किया गया, तेजाब से जलाया गया और उसे घर के तहखाने में बांधकर रखा गया। उसके साथ यह सब कुछ 5 महीने तक चलता रहा। इस दौरान बच्ची बाहरी दुनिया से कट गई थी। आखिर पिछले हफ्ते बच्ची को कैद छुड़ाया गया। पुलिस ने कहा कि लड़की को सेक्टर 57 के घर से बचाया गया है। उसकी बाहों पर तेजाब से जलाए जाने के निशान हैं। उसकी हथेलियों और चेहरे पर चोट के निशान थे, उसके पैरों पर कुत्ते के काटने और गर्दन पर खरोंच के निशान थे। पिछले दिसंबर के बाद से दिल्ली-एनसीआर में यह आठवां ऐसा मामला है।
पिछले साल दिसंबर से यह आठवीं घटना सामने आई है जब घरेलू नौकरों को उनके कार्यस्थल पर अकल्पनीय क्रूरता का सामना करना पड़ा है। नौकरी की तलाश में सैकड़ों युवा महिलाएं एजेंसियों के पास जाती हैं और वहां से वह फंस जाती हैं।
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बिहार का रहने वाला है परिवार
सेक्टर 57 के घर से बचाई गई लड़की का परिवार बिहार का है, लेकिन वह वर्षों से गुरुग्राम में रह रहा है। कॉन्टैक्ट्स के जरिए लड़की को इस घर में नौकरी मिल गई। लड़की की मां भी घरेलू सहायिका के रूप में भी काम करती हैं। लड़की ने उसके साथ हो रहे दुर्व्यहार के बारे में अपनी मां को भी बताया था। उसने बताया कि किस तरह उसके मालिक के दो बेटे उसके साथ गंदी हरकत करते हैं। आरोप है कि 25 और 30 साल के दोनों लड़के, किशोरी के कपड़े उतरवाकर उसका वीडियो बनाते थे।
नंगा करके बनाते थे वीडियो
लड़की की मां ने पुलिस को दी शिकायत में कहा, ‘उन्होंने धमकी दी कि अगर उसने भागने की कोशिश की तो वीडियो वायरल कर देंगे। उसका रोजाना यौन उत्पीड़न किया जाता था। उसे बांधा गया। 24×7 निगरानी की गई और दिन में सिर्फ एक बार भोजन दिया जाता था। यहां तक कि जब परिवार घर से निकलता था तब भी उसे तहखाने में पैर और हाथ बांधकर रखा जाता था।’
ऐसे बच्ची को कराया गया रेस्क्यू
सेक्टर 57 के लीजेंड अपार्टमेंट में रहने वाले मेजर मनोहर प्रताप (सेवानिवृत्त) ने कहा कि 14 वर्षीय लड़की की मां पहले उनके घर पर काम करती थी। उसने बताया कि किशोरी को अपने परिवार से बात करने तक की परमिशन नहीं है। उसने अपनी बेटी पर हो रहे उत्पीड़न के बारे में बताया तो उन्होंने तत्काल उसकी मदद की। वह बच्ची की मां के साथ सेक्टर 57 के उस घर पहुंचे, जहां बच्ची बंधकी थी।
मां से फोन पर बात करने की भी नहीं थी अनुमति
मेजर मनोहर प्रताप ने कहा, ‘गुरुवार दोपहर को, उसने हमें फोन किया और हमें बताया कि सेक्टर 57 में घर में सहायक के रूप में काम करने के बाद से उसकी बेटी उससे नहीं मिली है और न ही उसे फोन किया है। उसने कहा कि कोशिश करने के बावजूद, परिवार ने उसे अपनी बेटी से मिलने नहीं दिया और उसे संदेह था कि उसकी बेटी मुसीबत में फंस गई है।’
मेजर प्रताप ने कहा कि उन्होंने बच्ची की मां के साथ सेक्टर 57 के उस घर जाने का फैसला किया। उन्होंने बताया, ‘हमने घंटी बजाई और एक महिला ने दरवाजा खोला। लड़की उसके पीछे थी, लेकिन वह परेशान लग रही थी। हम हैरान रह गए। महिला हमें अंदर जाने देने के लिए अनिच्छुक थी, लेकिन हम लड़की को बाहर निकालने में कामयाब रहे।
नहीं थमे मां-बेटी की आंसू
वह और लड़की की मां सेक्टर 51 में महिला पुलिस स्टेशन गए, जहां 14 वर्षीय लड़की ने उन्हें बताया कि उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। किशोरी की मां ने कहा, ‘मैंने उसे देखते ही उसे गले लगा लिया… उन्होंने उसे प्रताड़ित क्यों किया? उसका क्या दोष था? मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उसे इस सब से गुजरना पड़ा।’
लड़की को सेक्टर 10 के जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस ने कहा कि उसकी हालत स्थिर है, लेकिन वह आघात के लिए उपचार से गुजर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह घटना झकझोर देने वाली है। लड़की ने ऐसी चीजें झेली जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उसका इलाज चल रहा है। नियोक्ता शशि शर्मा (55) और उनके बेटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनका शिकायत में नाम नहीं लिया गया है। उन्हें गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) 344 (गलत तरीके से बंधक बनाना) 506 (आपराधिक धमकी) 509 (एक महिला की शील का अपमान करना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था।