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मध्य प्रदेश समाचार (Madhya pradesh Live Updates) 15 march 2023 : राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, भाजपा इन चुनाव को लेकर गंभीर है, उसकी वजह भी है क्योंकि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। भले ही डेढ़ साल बाद फिर सत्ता भाजपा के हाथ में आ गई हो, मगर भाजपा इसे जानती है कि अगला चुनाव आसान नहीं होगा। यही कारण है कि पार्टी का संगठन लगातार कार्यकर्ता में जोश भरने में लगा हुआ है, तो वहीं बूथ की मजबूती के प्रयास जारी हैं। बीते साल बूथ विस्तारक अभियान चलाया गया, अब इस अभियान का दूसरा चरण चलाया जा रहा है। यह अभियान दस दिन तक चलेगा। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने राजधानी के कई बूथ पर पहुंचकर इस अभियान में हिस्सा लिया। शर्मा ने इस मौके पर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गरीबों का जीवन बदलने वाली जो योजनाएं चल रही हैं, उनके हितग्राहियों से बूथ पर मिलना और जो इन योजनाओं से वंचित हैं, उनको लाभ दिलाने का काम हमें करना है। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार हैं कि संगठन की मजबूती का आधार हमारे बूथ के कार्यकर्ता हैं। इस अभियान के अंतर्गत चलो-बूथ-की-ओर के ध्येय वाक्य को आत्मसात करते हुए हमारे कर्यकर्ता और 12 हजार विस्तारक हर बूथ को डिजिटल व सशक्त बनाकर नया इतिहास रचेंगे।
छतरपुर जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड की बाथरूम से महिला कैदी रितु जाटव भागी। महिला कैदी को बीमार होने के बाद प्रसूता वार्ड में कराया गया भर्ती। महिला पुलिसकर्मी को चकमा देकर बाथरूम की खिड़की से कूदकर भागी कैदी।
समीर यादव,सहायक पुलिस अधीक्षक, विदिशा ने बताया कि NDRF की टीम ने ऑपरेशन को अपने हाथों में ले लिया है और अब वो इस पैरेलल की गहराई से बोरवेल की गहराई के बीच टनल बनाएगी। बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए पहले प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा और फिर टनल बनाया जाएगा। इस कार्य 1.5-2 घंटे लग सकते हैं।
विदिशा जिले के लटेरी तहसील के खेरखेड़ी गांव में बोरवेल में गिरे लोकेश अहिरवार को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। घटना, उस समय हुई जब बच्चा खेड़खेड़ी पाथर गांव में खेल रहा था और अचानक वह खुले बोरवेल में गिर गया। प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है।
भोपाल गैस त्रासदी 28 फरवरी 2011 के बाद
28 फरवरी, 2011 : उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने आरोपियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के कठोर दंडनीय प्रावधानों को बहाल करने की केंद्र सरकार की याचिका पर 13 अप्रैल से दिन-प्रतिदिन आधार पर सुनवाई का फैसला किया। 22 मार्च, 2011: सीबीआई ने एंडरसन को अमेरिका से भारत में मुकदमे के लिए प्रत्यर्पित करने के वास्ते अनुरोध पत्र प्राप्त करने के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया। 23 मार्च, 2011: दिल्ली की अदालत ने एंडरसन को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने की सीबीआई की याचिका को विचारार्थ मंजूर किया। 7 अप्रैल, 2011: मध्य प्रदेश सरकार ने सीबीआई द्वारा दायर याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 13 अप्रैल, 2011 : न्यायालय ने उपचारात्मक याचिका दायर करने में देरी पर सवाल खड़े किये। 11 मई, 2011 : न्यायालय ने सीबीआई की उपचारात्मक याचिका खारिज की लेकिन आरोपियों के खिलाफ सख्त आरोपों के बारे में विचार करने का निर्णय सत्र अदालत पर छोड़ा। 12 जनवरी, 2023 : न्यायालय ने पीड़ितों के लिए मुआवजा बढ़ाने की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। 14 मार्च, 2023 : न्यायालय ने पीड़ितों के लिए मुआवजा बढ़ाने के अनुरोध वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका खारिज की।
05:42 AM, Mar 15 2023
भोपाल गैस त्रासदी जून 2004 के बाद
जून 2004 : अमेरिका ने एंडरसन के प्रत्यर्पण के अनुरोध को खारिज कर दिया। 19 जून, 2004 : न्यायालय ने मुआवजे के रूप में मिले और 1992 से केंद्रीय बैंक में रखे 47 करोड़ डॉलर की राशि में से 15 अरब रुपये से अधिक का भुगतान करने को कहा। 25 अक्टूबर, 2004: भोपाल गैस पीड़ितों ने मुआवजे का भुगतान नहीं होने पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 26 अक्टूबर, 2004: न्यायालय ने यूनियन कार्बाइड द्वारा दी गयी मुआवजा राशि में से शेष राशि का भुगतान करने के लिए 15 नवंबर की समय-सीमा तय की। 22 जुलाई, 2009 : भोपाल सीजेएम ने एंडरसन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट नये सिरे से जारी किया। 7 जून, 2010 : भोपाल सीजेएम ने 25 साल से अधिक समय बाद सभी आठ आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें दो-दो साल के कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि सभी आठ दोषियों को जमानत दे दी गयी। 31 अगस्त, 2010 : सीबीआई ने अपने सितंबर 1996 के फैसले पर पुन: अध्ययन के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक उपचारात्मक याचिका दायर की, जिसने भोपाल गैस त्रासदी के विभिन्न अभियुक्तों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के कठोर दंडनीय प्रावधान के बजाय लापरवाही के कारण मौत के आरोपों में मुकदमा चलाने के पक्ष में फैसला सुनाया था। 3 दिसंबर, 2010: केंद्र ने पीड़ितों के लिए मुआवजा 750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,844 करोड़ रुपये करने के लिए उपचारात्मक याचिका दायर की।
05:42 AM, Mar 15 2023
भोपाल गैस त्रासदी नवंबर 1994 के बाद
नवंबर 1994: पीड़ितों के समूहों की अनेक याचिकाओं के बावजूद उच्चतम न्यायालय ने यूनियन कार्बाइड को यूसीआईएल में उसकी हिस्सेदारी को कलकत्ता की मैकलियोड रसेल (इंडिया) लिमिटेड को बेचने की अनुमति दी। 13 सितंबर, 1996: आरोपियों की याचिका पर न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ तय किये गये तथा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे गये आरोपों को हल्का किया।