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Uttar Pradesh News : आगामी लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के मद्देनजर देश की सभी बड़ी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इसी क्रम में बीजेपी भी लगातार कदम उठाते नजर आ रही है. जहां एक ओर पार्टी के कई बड़े नेता आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लेकसभा सीट में से 80 पर जीत का दावा ठोक रहे हैं. वहीं यूपी में 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए दलित वोटों को साधने के लिए विशेष प्लान बना रही है.
दलित वोटों को साधने के लिए बनया ये प्लान
लोकसभा चुनाव से पहले दलित वोटों को साधने के लिए यूपी बीजेपी का ‘बस्ती सम्पर्क अभियान’ मंगलवार से शुरू हुआ. बीजेपी नेता , सांसद, विधायक अनुसूचित जाति की बस्तियों में जा कर उनसे सम्पर्क और संवाद करेंगे. साथ ही उनको केंद्रीय योजनाओं और मोदी सरकार की उपलब्धि के बारे में बताएंगे. दरअसल, संघ और बीजेपी ने दलित वोटों पर पकड़ बनाने के लिए योजना तैयार की है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लखनऊ में हुई बैठक में स्वयंसेवकों को दलित बस्तियों में जाने के निर्देश दिए तो वहीं बीजेपी ने भी अपने सांसदों और विधायकों को दलित बस्तियों में उतारने का फ़ैसला किया है.
बसपा के वोटों में भी सेंध लगाने कोशिश
यूपी बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रामचंद्र कन्नौजिया ने कहा कि विपक्ष के पास न नीति है न नीयत है. जबकि हमारे पास नीति और नीयत दोनों है. बस्ती सम्पर्क अभियान 2 अक्टूबर तक चलना था पर इसे दिसम्बर तक चलाने का फ़ैसला किया गया है. जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके. लोकसभा चुनाव से पहले बसपा अध्यक्ष मायावती के पॉलिटिकल स्टैंड अभी साफ़ न होने की वजह से जो दलित मतदाताओं में भ्रम है बीजेपी उसका भी लाभ लेना चाहती है.