हिमाचल में भाजपा की बागियों ने डुबोई लुटिया? 21 सीटों पर भाजपा के बागी उतरे, 9 पर मिली हार

BJP rebels looted in Himachal? BJP rebels contested on 21 seats, lost on 9
BJP rebels looted in Himachal? BJP rebels contested on 21 seats, lost on 9
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नई दिल्ली: बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद हिमाचल में जनता ने 35 साल पुरानी अपनी परंपरा को जारी रखा. यानी हर 5 साल में नई सरकार. हिमाचल में कांग्रेस ने 60 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि पिछले चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली बीजेपी 25 पर आकर सिमट गई. बीजेपी के 10 में 8 मौजूदा मंत्री चुनाव हार गए. बीजेपी की इस हार में बागियों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. दरअसल, बीजेपी के 21 बागी चुनाव मैदान में उतरे थे, इनमें से बीजेपी को 9 पर नुकसान पहुंचाया.

बीजेपी में टिकट न मिलने से तमाम नेता बागी हो गई थे. इनमें से 21 तो निर्दलीय के तौर पर चुनाव भी लड़े थे. पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तमाम कोशिशों के बावजूद पर्चा वापस नहीं लिया और चुनाव मैदान में उतर गए. बीजेपी को जिस बात का डर था, इन बागियों के मैदान में उतरने से हुआ भी वही. बागियों ने 9 सीटों पर नुकसान पहुंचाया. अगर इन सीटों पर बागी न होते, तो नतीजे शायद कुछ और होते और बीजेपी शायद हिमाचल के 35 साल के रिवाज को तोड़ने में सफल हो पाती.

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बीजेपी को बागियों से बड़ा झटका लगा. राज्य की 68 सीटों पर 21 बागी नेता चुनाव लड़े. जिन सीटों पर बागी नेता निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे, उनमें से 9 सीटों पर बीजेपी हार भी गई. दो बागी चुनाव भी जीत गए. देहरा सीट से बागी होशियार सिंह 14 हजार वोटों से जीते. उन्हें बीजेपी से टिकट नहीं मिला था. ऐसे में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था. वहीं, नालागढ़ से केएल ठाकुर ने जीत हासिल की.

– इतना ही नहीं कई ऐसी सीटें हैं, जहां बीजेपी को बागियों द्वारा वोट काटने की वजह से हार मिली. हिमाचल की किन्नौर सीट पर कांग्रेस के जगत सिंह नेगी को 20696 वोट मिले. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार सूरत नेगी को करीब 7000 वोट से हराया. जबकि यहां बीजेपी के बागी तेजवंत सिंह नेगी को 8412 वोट मिले. यानी अगर बागी नेता को मिले वोट बीजेपी में ट्रांसफर हो जाते तो शायद इस सीट से बीजेपी चुनाव जीत जाती.

– इसी तरह से हिमाचल के इंदौरा में हुआ. यहां कांग्रेस के मलेंद्र राजन बीजेपी उम्मीदवार से करीब 2200 वोट से जीते. जबकि बीजेपी के बागी मनोहर धीमन को 4,422 वोट मिले. फतेहपुर में पूर्व सांसद कृपाल परमार ने बीजेपी से बगावत की और चुनाव लड़ा. परमार को तो खुद पीएम मोदी ने फोन कर बैठने के लिए कहा था लेकिन वे नहीं माने. इस सीट से कांग्रेस के सिटिंग विधायक भवानी पठानिया को जीत मिला. बीजेपी को परमार से काफी हद तक नुकसान पहुंचा.

बीजेपी को 43%, कांग्रेस 43.9% मिला वोट
कांग्रेस को हिमाचल में 43.9% वोट मिला. वहीं, बीजेपी ने 43% वोट हासिल किया. यानी दोनों के बीच काफी कम अंतर रहा. हिमाचल छोटा राज्य है. यहां ज्यादातर सीटों पर 1 लाख से कम वोटर हैं, ऐसे में बागियों को मिले कुछ हजार वोट अगर बीजेपी के खाते से नहीं कटते तो पार्टी के लिए अहम साबित हो सकते थे. लेकिन बागियों ने लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का सपना देख रही बीजेपी को बड़ा झटका दिया.