राजा नाहर सिंह के बहाने जाटों को करीब लाएगी बीजेपी! जानिए हरियाणा को लेकर क्या है रणनीति

BJP will bring Jats closer on the pretext of Raja Nahar Singh! Know what is the strategy regarding Haryana
BJP will bring Jats closer on the pretext of Raja Nahar Singh! Know what is the strategy regarding Haryana
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नई दिल्ली : बीजेपी हरियाणा में जाटों को करीब लाने के मिशन पर काम कर रही है। बीजेपी को इसका अहसास है कि किसान आंदोलन के बाद जाट बीजेपी से दूर गए हैं। उनकी नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी कई कार्यक्रमों की योजना बना रही है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक राजा नाहर सिंह के बहाने हरियाणा में जाटों की नाराजगी दूर करने की कोशिश हो सकती है। राजा नाहर सिंह के परिवार वालों ने अपनी कुछ मांगें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तक पहुंचाई हैं। सूत्रों के मुताबिक उनमें गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

करनाल के सांसद ने पहुंचाई परिवार वालों की मांग
सूत्रों के मुताबिक राजा नाहर सिंह के परिवार वालों ने करनाल के सांसद संजय भाटिया के जरिए ये मांगें सीएम तक पहुंचाई हैं। इसमें कहा गया है कि 9 जनवरी को राजा नाहर सिंह बलिदान दिवस को पूरे प्रदेश में मनाया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने शहीद के बारे में जान सकें। साथ ही स्कूल पाठक्रम में भी उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए। उनकी यह भी मांग है कि बल्लभगढ़ में राजा नाहर सिंह के महल को संग्रहालय बनाया जाए। अभी उस महल में मोटेल बनाया गया है और इसमें शहीद का सम्मान नहीं है।

पिछले चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत
1857 की क्रांति के योद्धा राजा नाहर सिंह ने देश के स्वाभिमान के लिए 36 साल की उम्र में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। जब बहादुर शाह जफर को बंदी बनाकर रंगून ले जाया गया था तब वे दिल्ली की कमान राजा नाहर सिंह को सौंप कर गए थे। 9 जनवरी 1858 को अंग्रेजों ने उन्हें धोखे से बुलाकर चांदनी चौक पर फांसी पर चढ़ा दिया था। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी जाटों से दूरी पाटने की कोशिश में ये मांगे मान सकती है। बीजेपी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में एक एक सीट अहम है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। यहां लोकसभा की 10 सीटों में से रोहतक, हिसार, सिरसा, सोनीपत, भिवानी पर जाटों का बहुत प्रभाव है और जीत हार में इनकी अहम भूमिका होती है।

करनाल, गुड़गांव और कुरुक्षेत्र में अच्छा प्रभाव
करनाल, गुड़गांव और कुरुक्षेत्र सीट पर भी जाटों का अच्छा खासा प्रभाव है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव में अभी करीब ढाई साल का वक्त है लेकिन बीजेपी ने अभी से कमजोर कड़ियों पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी जाट वोटर्स को करीब लाने के लिए अभियान भी शुरू करेगी। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर हुए किसान आंदोलन के बाद जाटों के बीच नाराजगी है। उनके बीच फिर से काम किया जाएगा। जाट समुदाय बीजेपी से दूर गया है उसे करीब लाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए बीजेपी के जाट नेताओं को अलग अलग कार्यक्रम के जरिए जाट समुदाय के लोगों से संवाद करने को कहा जाएगा। उनकी नाराजगी सुनी जाएगी और उन्हें अपना पक्ष बताया जाएगा।