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भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी वोटर्स पर डबल फोकस कर रही है। हर वोटर तक पार्टी की बात सही तरीके से पहुंच सके, इसके लिए बीजेपी अर्ध पन्ना प्रमुख बना रही है। इससे पहले तक पार्टी पन्ना प्रमुख बनाती थी। पार्टी को अंदाजा है कि एमपी में इस साले के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में मुकाबला बेहद कड़ा हो सकता है। इसे देखते हुए रणनीति में बदलाव किया जा रहा है और पहली बार अर्ध पन्ना प्रमुख बनाए जा रहे हैं।
पन्ना प्रमुख बनाना बीजेपी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। पार्टी हर जगह पन्ना प्रमुख बनाती है। वोटर लिस्ट के एक पेज में करीब 30- 35 वोटर्स के नाम होते हैं। उस पेज यानी पन्ने के वोटर्स की जिम्मेदारी बीजेपी किसी एक कार्यकर्ता को सौंपती है, उसे पन्ना प्रमुख कहते हैं।
बीजेपी मध्य प्रदेश में अब आधे पन्ने के हिसाब से कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे रही है। यानी 15-17 वोटर की जिम्मेदारी अर्ध पन्ना प्रमुख के पास होगी। इसके लिए ऑनलाइन अभियान भी चलाया जा रहा है। बीजेपी के एक नेता के मुताबिक अर्ध पन्ना प्रमुख होने से ज्यादा लोगों को यह जिम्मेदारी मिलेगी। जिम्मेदारी मिलने पर कार्यकर्ता चुनाव को लेकर ज्यादा गंभीर भी होंगे। मध्य प्रदेश में इस वक्त बीजेपी की सरकार है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एंटी इनकंबेंसी भी झेलनी होगी जिसकी तैयारी पार्टी कर रही है।
अर्ध पन्ना प्रमुख के अलावा बीजेपी पन्ना समिति भी बना रही है। हर समिति में 5 से 7 लोग होंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि पार्टी पन्ना समिति में कम से कम 33 पर्सेंट महिलाओं को जगह दे रही है। इसका मकसद चुनाव में महिलाओं की पूरी भागीदारी सुनिश्चित करना है।
पन्ना प्रमुख यह सुनिश्चित करते हैं कि ये सभी वोटर्स चुनाव के दिन वोट डालने पोलिंग बूथ जाएं। साथ ही इनसे संपर्क कर इन्हें बीजेपी का पक्ष बताने और बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए मनाने की जिम्मेदारी भी पन्ना प्रमुख की होती है। पोलिंग वाले दिन भी बीजेपी हर पन्ना प्रमुख से चेक करती रहती है कि उनकी जिम्मेदारी वाले पन्ने से कितने लोग वोट डालने गए। पोलिंग के दिन सुबह से ही पन्ना प्रमुखों का काम होता है कि वह फोन कर या किसी और माध्यम से अपने पन्ने के वोटर्स को याद दिलाएं कि उन्हें वोट करने जाना है। पन्ना प्रमुख इस लिस्ट को अपडेट करते हैं कि कितने लोग वोट डालने गए। बीजेपी इसके जरिए हर वोटर तक पहुंचने की कोशिश करती है साथ ही सुनिश्चित करती है कि कम से कम उसके समर्थक वोटर्स तो जरूर वोट डालने जाएं।