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प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद को UP पुलिस प्रयागराज से लेकर साबरमती जेल के लिए रवाना हो गई है। यहां से निकलने से पहले अतीक का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था। पुलिस ने उसे दवा दी। आराम होने पर उसे ले रवाना किया गया। अतीक को मंगलवार को ही उमेश पाल के अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
सजा के बाद दोपहर 3.30 बजे अतीक को नैनी जेल वापस लाया गया था, लेकिन उसे जेल के अंदर नहीं लिया गया। 5 घंटे प्रिजन वैन जेल गेट पर खड़ी रही। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह ने अतीक को जेल में लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था अतीक को नैनी जेल में लेने का अभी कोई आदेश नहीं मिला है।
23 घंटे 45 मिनट में 1300 किलोमीटर का सफर पूरा किया था
अतीक को सोमवार को ही साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। अहमदाबाद से STF टीम रविवार शाम 5:45 बजे निकली थी, जो सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची। STF का काफिला अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश में शिवपुरी के रास्ते सोमवार सुबह 9 बजे के करीब उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ था। टीम ने 1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया। इस दौरान काफिला 8 जगह रुका।
अतीक के दो और साथियों को उम्रकैद
MP-MLA कोर्ट ने 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक के अलावा खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह रुपए उमेश के परिवार को दिए जाएंगे। वहीं, अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर को बरी कर दिया गया है।
अतीक गैंग पर 100 से ज्यादा केस, आज पहले केस में सजा मिली
अतीक अहमद का 30-35 साल से प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, अतीक के गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के मुकदमे भी हैं। अतीक पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। यानी 44 साल में अतीक पहली बार दोषी ठहराया गया है और उसे सजा मिली है।
गैंगस्टर अतीक अहमद को लेने साबरमती पहुंची STF टीम को पता नहीं था कि वह कहां और क्यों जा रही है। वहीं, अतीक को भी अंतिम क्षणों में पता चला कि उसे यूपी ले जाया जा रहा है।
गैंगस्टर अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाने के लिए रविवार सुबह साढ़े नौ बजे UP पुलिस की टीम अहमदाबाद साबरमती जेल पहुंची थी। इसमें करीब 30 पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले बनी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की इस टीम को साबरमती जाने की जानकारी नहीं थी। टीम को शुक्रवार दोपहर बड़े अफसरों का फोन आया था कि वह तुरंत प्रयागराज पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां दो वैन पहले से तैयार थीं। STF के जवानों को हथियारों के साथ इसमें बैठाया गया।
इस वैन के साथ एक बोलेरो भी थी। इसमें इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी बैठाए गए। इन्हें फोन के जरिए बड़े अफसर रूट की जानकारी दे रहे थे। साबरमती के लिए रवाना हुए अफसरों को बस यही कहा गया था कि जैसा बताया जाय, वैसे ही रूट फॉलो करना है। इधर, जेल में बंद अतीक को आखिरी वक्त तक पता नहीं था कि उसे UP ले जाने के लिए STF आई है। जब जेल में उसका मेडिकल हुआ, तब उसे जानकारी मिली।
अतीक की पत्नी की पहली बार बिना बुर्के की फोटो
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की फोटो पहली बार सामने आई है। इस Exclusive तस्वीर में शाइस्ता पहली बार बिना बुर्के में दिखी है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद वह पुलिस की नजर से ज्यादा दिन तक छुप नहीं सकेगी।
माफिया अतीक अहमद को मंगलवार को प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में यह सजा सुनाई गई है। पुलिस रिकॉर्ड में अतीक गैंग पर 101 मुकदमे दर्ज हैं। यह पहला मामला है, जिसमें अतीक को दोषी ठहराया गया और सजा मिली है।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि उन्हें अपहरण की जानकारी एक साल बाद तब जानकारी हुई जब 2007 में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट लिखी गई और यह केस अखबारों में प्रकाशित हुआ। इसके बाद मैं घबरा गई और उन्हें (उमेश को) पकड़कर रोने लगी। उमेश ने कहा कि घबराओ मत गुड़िया, हम सब संभाल लेंगे। तुम परेशान मत हो। वो अतीक और अशरफ से डरते नहीं थे। शेर थे… बुजदिली से मेरे पति को मारा गया है।
अतीक पर फैसले के बाद उमेश के घर से रिपोर्ट
उमेश पाल किडनैपिंग मामले में प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद उमेश पाल की मां और पत्नी ने मीडिया से बात की। मां शांति देवी ने कहा, “मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा था। अतीक को फांसी की सजा होनी चाहिए।” वहीं, पत्नी जया पाल ने कहा, “योगी जी मेरे पिता समान हैं। वह हमारे परिवार का ध्यान रखेंगे।”