बसपा ने अलीगढ़ और मेरठ में चली ध्रुवीकरण चाल, मायावती के सामने मेयर सीटें बचाए रखना बड़ी चुनौती

BSP's polarizing move in Aligarh and Meerut, retaining mayor seats in front of Mayawati is a big challenge
BSP's polarizing move in Aligarh and Meerut, retaining mayor seats in front of Mayawati is a big challenge
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लखनऊ। निकाय चुनाव में दूसरे चरण के लिए 11 मई को होने वाला मतदान बसपा के लिए खास चुनौतियों भरा है। यही वह चरण है, जिसमें मेरठ और अलीगढ़ मेयर की सीटों के लिए मतदान होना है। बसपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में इन दोनों सीटों को जीत कर सभी को चौंकाया था। बसपा ने इस बार इन दोनों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर वोटों के ध्रुवीकरण की चाल चली है।

निकाय चुनाव में मेयर की कुल 17 सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। पहले चरण में 10 सीटों के लिए मतदान हो चुका है। दूसरे चरण में सात सीटों के लिए मतदान होना है। बसपा मेयर की सीटों पर दमदारी से चुनाव लड़ रही है। इन सीटों को जीतने के लिए मंडल प्रभारियों को वहीं पर कैंप करने का निर्देश दिया गया है। मायावती स्वयं लगातार इसकी जानकारी प्राप्त कर रही हैं। बसपा ने मेरठ और अलीगढ़ में मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर वोटों के बंटवारे की चाल चली है। यह दोनों सीटें मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती हैं।

मेरठ से हसमत अली और अलीगढ़ से सलमान साहिद पर दांव लगाया है। बसपा इन दोनों सीटों को बचाए रखना चाहती है, इसीलिए इन दोनों सीटों को लेकर प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वर्ष 2017 के चुनाव में अलीगढ़ में मो. फुरकान ने भाजपा के राजीव कुमार को 10011 मतों और मेरठ में सुनीता वर्मा ने भाजपा की कांता कर्दम को 29582 मतों से हराया था। इसके अलावा अयोध्या व गाजियाबाद तीसरे और बरेली व कानपुर में चौथे स्थान पर थी।