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UTI Treatment In Ayurveda: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या यूटीआई पेशाब की नली में होने वाला संक्रमण है. महिलाओं में पुरूषों के मुकाबले इसका जोखिम ज्यादा होता है. यह इंफेक्शन ज्यादा गंभीर होने पर किडनी को भी अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में इसका तुरंत उपचार करना बहुत जरूरी है. आयुर्वेद में इसके लिए क्या उपाय है यहां आप जान सकते हैं.
UTI का कारण क्या है?
बैक्टीरिया यूटीआई का सबसे आम कारण हैं. ई. कोली बैक्टीरिया, जो आंत में रहते हैं, अधिकांश यूटीआई का कारण बनते हैं. अनप्रोटेक्टेड सेक्स, प्रेग्नेंसी, किडनी स्टोन, एनलार्ज प्रोस्टेट, कब्ज के कारण यह समस्या ज्यादा होती है.
यूटीआई के शुरुआती लक्षण
– पेशाब करते समय दर्द या जलन होना – बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में – पेशाब करने के बाद भी ब्लैडर का भरा महसूस होना – पेट के निचले हिस्से या पीठ में दर्द – झागदार, खूनी, या बदबूदार पेशाब – दर्द या थकान महसूस होना – बुखार, या कपकपी
कैसे ठीक होगा यूटीआई
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर चैताली राठौड़ बताती हैं कि यूटीआई को आसानी से घर पर ठीक किया जा सकता है. इसके लिए दही जैसे खट्टे फूड्स परहेज करें. दही खाने से सूजन हो सकती है. रोजाना 3-4 काली किशमिश भिगोकर खाएं.
चावल के पानी से यूटीआई का इलाज
एक्सपर्ट की मानें तो यूटीआई में चावल का पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है. दिन में दो बार 10-15 मि.ली. की मात्रा में इसका सेवन करें. इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले चावल को अच्छी तरह से धो लें. अब 1 भाग चावल और 4 भाग पानी लें. चावल को पानी में तब तक उबालें जब तक चावल पक न जाए. फिर पानी को छानकर इसे नॉर्मल ठंडा करके इसका सेवन करें.
यूटीआई से बचाव के उपाय
यूटीआई के रिस्क को करने के लिए बॉडी को हाइड्रेट रखें, प्राइवेट पार्ट के हाइजीन का ध्यान रखें, सेक्स के बाद टॉयलेट जाएं, इसके साथ ही क्रेनबेरी जूस पिएं.