इस देश में रुपये से जो चाहें वो खरीदें, नहीं बदलनी होगी करेंसी, दुकान से लेकर मॉल तक हर जगह होता है स्वीकार

Buy whatever you want with rupees in this country, currency will not have to be changed, it is accepted everywhere from shop to mall
Buy whatever you want with rupees in this country, currency will not have to be changed, it is accepted everywhere from shop to mall
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली. भारत के पड़ोसी देश नेपाल में आपको रुपये को एक्सचेंज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. यहां सालों से भारतीय रुपये से ही सामान खरीदा व बेचा जा रहा है. नेपाल की अपनी भी करेंसी है लेकिन भारत से गए लोगों के लिए जरूरी नहीं कि वह उसी करेंसी का इस्तेमाल करें. दरअसल, भारतीय और नेपाली करेंसी के एक्सचेंज रेट को फिक्स कर दिया गया है. इसके अलावा भारत और नेपाल के बीच व्यापार काफी ज्यादा है, नेपाल में रोजगार का बड़ा स्रोत भी भारत ही है. इसलिए वहां भारतीय रुपये को आराम से स्वीकार कर लिया जाता है.

लेकिन एक बाद ध्यान रखनी होगी कि आप नेपाल में केवल 100 रुपये तक के ही नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं. आरबीआई 100 रुपये मूल्य वर्ग के कितने भी नोट आपको वहां ले जाने की अनुमति देता है. वहीं, 200 और 500 रुपये के नोट के रूप में केवल 25,000 रुपये ही ले जा सकते हैं. दरअसल, नेपाल 2021 में 100 रुपये से ऊपर के भारतीय नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जा रहा है. इसलिए भारत से नेपाल खरीदारी करने जा रहे लोगों को परेशानी भी हो रही है. हालांकि, 100 रुपये तक के नोट से अब भी वहां खरीदारी की जा सकती है.

कितनी है रुपये की वैल्यू
जैसा कि हमने आपको बताया कि रुपये की वैल्यू नेपाली रुपये (NPR) के साथ फिक्स्ड है. 1 भारतीय रुपया 1.592 नेपाली रुपये के बराबर होता है. हालांकि, नेपाल कई मामलों में महंगा है इसलिए जरूरी नहीं कि आप कम पैसे ले जाकर भी वहां भारी खरीदारी कर लें.

और भी हैं देश
केवल नेपाल ही नहीं है जहां भारतीय रुपये को मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा भूटान के साथ भी भारत की करेंसी पैग्ड है. यानी यहां भी एक्सचेंज का फिक्स्ड रेट है. लेकिन भूटान में 1 रुपये की वैल्यू 1 रुपया ही है. इसके अलावा जिम्बाब्वे भी एक ऐसा देश है जहां इस्तेमाल की जाने वाली 8 करेंसी में से एक भारतीय रुपया है. ऐसा जिम्बाब्वे के साथ भारत के ट्रेड के कारण है. भारत जिम्बाब्वे के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है.