रामपुर तिराहा मामले में सीबीआई ने मुजफ्फरनगर कोर्ट में कराई गवाही

CBI conducted testimony in Muzaffarnagar court in Rampur Tiraha case
CBI conducted testimony in Muzaffarnagar court in Rampur Tiraha case
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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड गठन आंदोलन के दौरान हुए रामपुर तिराहा कांड में शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में सीबीआई ने एक गवाह को पेश करते हुए मामले की गवाही कराई। सीबीआई ने कोर्ट के सामने 4 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत होने की रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने सीबीआई को रिपोर्ट का सत्यापन कराने का आदेश दिया।

एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी। इसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस टीम और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे।

एडीजे 7 शक्ति सिंह की अदालत में हुई सुनवाई

एडीजे 7 शक्ति सिंह की अदालत में सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी पत्रावली की सुनवाई हुई। आरोपी पुलिसकर्मी पेश हुए। शासकीय वकील फौजदारी राजीव शर्मा और सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह ने बताया कि लंबे समय बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीबीआई ने अदालत में गवाह पेश किया। सीबीआई की ओर से मृतक बताए गए आरोपियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है।

इन आरोपियों की मांगी सत्यापन रिपोर्ट

सीबीआई ने अदालत को बताया कि आरोपी झम्मन सिंह, राजपाल सिंह, महेश चंद शर्मा और नेपाल सिंह की मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने मृतक बताए गए आरोपियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है।

हापुड़ में नहीं मिली विक्रम सिंह की संपत्ति

एडीजे शक्ति सिंह ने विक्रम सिंह तोमर की पत्रावली की सुनवाई की। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परविंद्र सिंह ने बताया कि सीबीआई ने हापुड़ तहसीलदार की रिपोर्ट दाखिल की है। हापुड़ में आरोपी की कोई संपत्ति नहीं मिली है।