मुजफ्फरनगर में गवाहों से आरोपियों की पहचान कर सकेगी सीबीआई: कोर्ट ने रामपुर तिराहा कांड में दी व्यवस्था

CBI will be able to identify the accused from witnesses in Muzaffarnagar: Court orders in Rampur Tiraha case
CBI will be able to identify the accused from witnesses in Muzaffarnagar: Court orders in Rampur Tiraha case
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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि रामपुर तिराहा कांड के मामले में सीबीआई गवाहों से आरोपियों की शिनाख्त करा सकेगी। सीबीआई के प्रार्थना पत्र पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आपत्ति जाहिर की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए व्यवस्था दी।

1-2 अक्टूबर 1994 की रात को पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया था। रात के समय आंदोलन उग्र होने पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी। जिसमें 7 आंदोलनकारी की मौत हो गई थी। जबकि कई महिलाओं के साथ दुष्कर्म के आरोप भी पुलिस पर लगे थे। सीबीआई ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता का प्रार्थना पत्र खारिज
एडीजीसी परविंदर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को केस की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें रामपुर तिराहा कांड के गवाहों से आरोपियों की शिनाख्त कराने की मांग की गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीबीआई की मांग का विरोध किया। तर्क दिया कि गवाह कोर्ट में आरोपी की पहचान नहीं कर सकता। विवेचना के दौरान सीबीआई ने आरोपी की पहचान नहीं कराई थी। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से दिया गया प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।

सीबीआई को 8 जून तक का समय
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि कोर्ट के निर्णय से अवधारित किया गया कि किसी गवाह द्वारा कोर्ट में किसी आरोपी की पहचान उसके साक्ष्य से कराए जाने पर कोई विधिक अवरोध नहीं है। कोर्ट के आदेश से सीबीआई के लिए गवाहों के माध्यम से आरोपियों की पहचान कराए जाने का रास्ता खुल गया। कोर्ट ने सभी दस्तावेजों के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए सीबीआई के एसपी को 8 जून तक का समय दिया है।