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शिमला: गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इसके तहत ऋण लेने की सीमा को 5500 करोड़ रुपए कम कर दिया गया है, साथ ही एनपीएस खातों में जमा होने वाली सालाना 1780 करोड़ रुपए के बदले में मिलने वाली मैचिंग ग्रांट को भी बंद कर दिया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह अपने अधिकारियों की टीम के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता वाली अधिकारियों की टीम के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री के पास इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखा है। दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इस विषय को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री से चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय प्रदेश सरकार के कर्ज लेने की सीमा जो 14500 करोड़ रुपए थी, उसमें 5500 करोड़ रुपए की कटौती की गई है।