केंद्र सरकार का फैसला, देश का ये बड़ा सरकारी बैंक हुआ प्राईवेट! जानें कहीं आपका भी तो नहीं खाता

Central government's decision, this big government bank of the country became private! Know if your account is not there
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IDBI Bank Privatisation: बैंक प्राइवेटाइजेशन (Bank Privatisation) पर बड़ा अपडेट है. सरकार निजीकरण को लेकर एक्शन में है. देश में बैंकिंग व्यवस्था (Banking Systme) में बदलाव करने के लिए सरकार तेजी से प्राइवेटाइजेशन की तरफ बढ़ रही है. इससे पहले पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने इस बारे में ऐलान किया था. अब बताया जा रहा है कि 16 दिसंबर तक इस बैंक के निजीकरण के प्रोसेस को पूरा कर लिया जाएगा.

इसी महीने बिक जाएगा ये बड़ा सरकारी बैंक!

दरअसल, सरकार ने आईडीबीआई बैंक के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के लिए बोलियां मंगवाई है. एक तरफ जहां सरकार निजीकरण पर तेजी से आगे बढ़ रही है, दूसरी तरफ निजीकरण के खिलाफ सरकारी कर्मचारी लगातार हड़ताल कर रहे हैं. सरकार आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. विभाग से संबंधित एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.

कितनी है सरकार की हिस्सेदारी?

IDBI Bank में सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है, जबकि एलआईसी की हिस्सेदारी 49.24 फीसदी है. बताया जा रहा है कि सरकार और एलआईसी आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी बेचेगी और फिर खरीदार को मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा. आरबीआई इसके तहत 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे सकता है. इस क्रिया के दौरान केंद्र 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) आईडीबीआई बैंक में 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा. दीपम के सचिव ने ट्वीट कर कहा, ‘आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार और एलआईसी हिस्सेदारी के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा.’

ईओआई की अंतिम तारीख 16 दिसंबर

गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है और सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे. हालांकि इससे इतर यह अनुमान है कि इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है. दीपम ने कहा है, ‘सफल बोली लगाने वाले को आईडीबीआई बैंक के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी.’

कई सरकारी कंपनियां होंगी प्राइवेट

निजीकरण के लिए सरकार ने कई कंपनियों की लिस्ट बनाई है. इसके तहत लगभग आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची तैयार हुई है. इनमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है. इतना ही नहीं, सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-2023 में अब तक सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (CPSE) के विनिवेश से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटा चुकी है.