दिल्ली की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के किसान भी आंदोलन की राह पर, 27 गांवों ने…

इस खबर को शेयर करें

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दिल्ली की तर्ज पर किसानों का आंदोलन जारी है। नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के बैनर तले हजारों किसान कड़कड़ाती ठंड व बारिश के बीच 12 दिनों से नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे हैं। प्रभावित 27 गांवों की महिलाएं, बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के समय राज्य सरकार ने किसानों से जो वादा किया उसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, वे नहीं हटेंगे। आंदोलन को कई किसान व दूसरे संगठनों का समर्थन मूल रहा है। इधर सरकार से वार्ता विफल हो जाने के बाद किसानों का आंदोलन नवा रायपुर में जारी है।

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, क्षेत्रीय विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने नवा रायपुर क्षेत्र के सात गांवों के सरपंचों को बातचीत के लिए बुलाया था। सरपंचों ने आंदोलनकारियों की ओर से उठाई जा रही मांगों को रखा। मंत्री ने आंदोलनकारियों द्वारा की मांगों को नजायज बताते हुए पूरा नहीं करने की बात कही, जिसके बाद वार्ता असफल हो गया। चंद्राकर ने बताया कि हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन सार्थक पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल के समय कांग्रेस के लोग कुछ और बोलते थे और आज जब सत्ता में आए हैं तो कुछ और बोल रहे हैं। क्षेत्र के किसानों, मजदूरों, युवाओं से छल किया जा रहा है।

नवा रायपुर स्थित धरना स्थल में प्रतिदिन 7 हजार से अधिक लोगों का खाना बनने के कारण वहां बड़ी मात्रा में राशन और चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों की जरूरत पड़ रही है। किसानों, गांव के युवाओं सहित हर तबके के लोग आंदोलन को मजबूत करने सहयोग देने से भी पीछे नहीं हट रह हैं। इनती अधिक मात्रा में खाना बनाने के लिए कोई जलाऊ लकड़ी दे रहा है तो कई राशन पहुंचा रहा है। कुछ किसान सब्जियों की व्यवस्था भी कर रहे हैं। आंदोलन में शामिल होने वाले लोग पूरी व्यवस्था के साथ पहुंच रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन 12 दिनों से शांतिपूर्वक जारी है। आंदोलन में शामिल होने वाले लोग यहीं भोजन भी करते हैं और रात को पंडाल में सोते भी हैं।

आंदोलन को मिला इन संघों का साथ
नवा रायपुर में चल रहे किसान आंदोलन को संयोजक छत्तीसगढ़ किसान महासभा, छग किसान मजदूर महासंघ संचालक मंडल सदस्य, छत्तीसगढ़ सयुक्त किसान मोर्चा, किसान मजदूर संगठन, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, छत्तीसगढ़ निवेशक एवं कल्याण संघ, नवा रायपुर सरपंच संघ, नवा रायपुर आटो यूनियन संघ, नवा रायपुर गार्डन माली संघ, नवा रायपुर महानदी, इंद्रावती भवन (सर्वकामगार कल्याण संघ) सफाई कर्मचारी मजदूर एवं टेक्नीशियन संघ, नवा रायपुर मितानिन संघ, मजदूर संगठन ( पुरखौती मुक्तांगन, उपरवारा) संगठनों द्वारा सर्मथन व सहयोग मिल रहा है। किसान आंदोलन को सोशल मीडिया में अधिक से अधिक शेयर करने की कमान युवाओं ने अपने हाथों में ले रखा है।

आंदोलनकारी किसानों की यह है मांग
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया कि नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यावसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए। भू-अर्जन कानून के तहत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिले। नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आवंटन किया जाए। पुनर्वास पैकेज-2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाला 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए एवं आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।