संभल जाएं चीन और पाक, आ रहा दोनों का काल, ‘प्रचंड’ प्रहार की तैयारी

China and Pakistan should be careful, the time of both is coming, preparation for 'severe' attack
China and Pakistan should be careful, the time of both is coming, preparation for 'severe' attack
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नई दिल्ली: Prachand Helicopters: चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते काफी अच्छे नहीं रहे हैं। चीन के साथ जहां सीमा पर पिछले साढ़े तीन साल से विवाद चल रहा है, तो पाकिस्तान के साथ दशकों से संबंधों में मिठास नहीं रही। इसी वजह से दोनों ही बॉर्डर्स पर बड़ी तादाद में भारतीय सैनिकों की हर वक्त तैनाती रहती है। कई अहम हथियारों को भी बॉर्डर के पास ही एकदम तैयार रखा जाता है। अब दोनों पड़ोसी देशों का ‘काल’ आ रहा है। दरअसल, इंडियन एयरफोर्स 156 ‘प्रचंड हेलीकॉप्टर्स’ को खरीदने की तैयारी कर रही है। कई खासियतों वाले इन हेलीकॉप्टर्स की तैनाती चीन और पाक बॉर्डर्स पर की जाएगी। ऐसे में यदि दोनों पड़ोसी देशों ने कोई भी हिमाकत करने की कोशिश की, तो उनकी लंका लगना तय है।

प्रचंड हेलीकॉप्टर्स का निर्माण एचएएल करता है और अब 156 और हेलीकॉप्टर्स खरीदे जाने से पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा। इंडियन आर्मी और एयरफोर्स ने दुनिया की सबसे खराब मौसम स्थितियों और इलाकों में परीक्षण करने के बाद पिछले 15 महीनों में इनमें से 15 हेलीकॉप्टरों को पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया, “मुख्य सेवा के रूप में इंडियन एयरफोर्स ने संयुक्त अधिग्रहण मामले के रूप में 156 और प्रचंड हेलीकॉप्टर्स खरीदने के लिए सरकार के पास एक प्रस्ताव रखा है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है।”

हाल ही में, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए लगभग 100 और हल्के लड़ाकू विमान मार्क 1ए खरीदने के इरादे के बारे में विदेशी धरती से घोषणा की थी। मूल्य के हिसाब से दोनों प्रोजेक्ट्स की कुल रकम 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। 156 हेलीकॉप्टर्स में से 66 भारतीय वायु सेना द्वारा शामिल किए जाएंगे जबकि शेष 90 भारतीय सेना द्वारा अधिग्रहित किए जाएंगे। पूरी तरह से भारतीय डिजाइन, विकसित और निर्मित हथियार प्रणाली होने की भारतीय वायु सेना की आवश्यकता को पूरा करते हुए, ‘प्रचंड’ का हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया है।

प्रचंड हेलीकॉप्टर्स की क्या हैं खासियतें
प्रचंड हेलीकॉप्टर्स की कई तरह की खूबियां हैं। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर को रेगिस्तानी इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों दोनों में संचालित करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया गया है। ‘प्रचंड’ दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर सकता है और उड़ान भी भर सकता है। इसी वजह से यह सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए इसे आदर्श बनाता है। यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के अभियानों को नष्ट भी कर सकता है। यह नई ध्रुवास्त्र हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से भी लैस होने जा रहा है जो ऊंचाई के साथ-साथ अन्य इलाकों में दुश्मन के आश्रयों को नष्ट कर सकती है।