हरियाणा में छाए बादल, 30 जुलाई को तेज बारिश के आसार

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हिसार। हरियाणा में दक्षिण पश्चिम मानसून को एक माह का समय पूरा हो चुका है। जून माह के आखिर में मानसून ने हरियाणा में दस्तक दी थी। जिसके बाद से अब तक सामान्य से 8 प्रतिशत बारिश अधिक हो चुका है। जिसमें सिर्फ जुलाई माह में सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। अभी अगस्त माह बाकी है इससे पहले ही जुलाई में मानसून ने जल की पूर्ति को पूरा कर दिया है।

अब अगस्त में भी इसी प्रकार वर्षा हुई तो ये मानसून सीजन सर्वाधिक वर्षा वाला सीजन होगा। इस बार सीजन में फतेहाबाद, कैथल, झज्जर, जींद, कुरुक्षेत्र, पानीपत सहित 13 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। वहीं 9 जिलों में अभी तभी सामान्य से कम वर्षा है। प्रदेश में बंगाल की खाड़ी की तरफ से नमी वाली मानसूनी हवाओं की सक्रियता फिर से बढ़ने से राज्य में वर्षा की गतिविधियां एक बार फिर से बढ़ती दिख रही हैं। हरियाणा के कई जिलों में सुबह से ही बारिश हो रही है तो वहीं कई जगह बादल छाए हुए हैं।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में 30 जुलाई के दौरान अच्छी वर्षा की संभावना जताई जा रही है मगर इस दौरान कुछ एक क्षेत्रों में तेज वर्षा की भी संभावना है।

इस वर्षा की चेतावनी ने किसानों के पसीने छुड़ा दिए हैं। इसका कारण है कि कई स्थानों पर तो अभी तक जलजमाव की स्थिति सामान्य नहीं हुई है। किसान इससे ही परेशान हैं तो अब अधिक नमी के कारण फसलों में रोग भी सामने आ रहे हैं। वर्षा के कारण कपास में मिली बग की समस्या देखने को मिल रही है। कपास उत्पादक किसान इसको लेकर खासे परेशान हैं। यही कारण है कि इस बीमारी के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए किसानों को कृषि विज्ञानी कुछ विशेष दवाओं के प्रयाेग की सलाह देते हैं।

इस बीमारी के संज्ञान में आने पर किसानों को मीलीबग, प्रोफेनोफोस 50 ईसी की 3 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से सिर्फ ऐसे ही पौधों पर स्प्रे करें। इसके बाद दूसरा स्प्रे 7-10 दिनों बाद करें। फसलों को इस बीमारी में काफी राहत मिलेगी। कपास काफी संवेदनशील फसल है। इसमें पिछले कुछ समय से गुलाबी सुंडी का प्रकोप नुकसान पहुंचाता रहा है। अब हिसार में कुछ स्थानों पर गुलाबी सुंडी का प्रभाव दिख रहा है। हालांकि कृषि विज्ञान कुछ क्षेत्रों में अभी इसका प्रभाव बता रहे हैं।