जोधपुर. राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रहा सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा. एक तरफ मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी भूचाल में लगाई जा रही अटकलों पर भी विराम नहीं लगा है. पूरे देश की निगाहें प्रदेश के इस पॉलिटिकल क्राइसिस पर टिकी है. दरअसल, राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वर्तमान परिस्थिति का परिणाम काफी कुछ तय करेगा. एक तरफ प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास से लेकर दिल्ली के एआईसीसी कार्यालय तक मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबी खींचतान चली आ रही है. वहीं प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में भी स्थानीय लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है.
मुख्यमंत्री के गृह जिले में कांग्रेस नेताओं के साथ ही भाजपा नेताओं में भी वर्तमान में चली आ रही खींचतान को लेकर चर्चा का विषय है. न्यूज 18 लोकल ने मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में जब युवाओं का रुख जानना चाहा तो युवाओं का कहना है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य किया है. उन्हें दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपना राजस्थान के विकास पर ब्रेक लगाने के समान होता.
वहीं भाजपा के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भी नाम जारी नहीं करने की शर्त पर बताया कि यह मामला कांग्रेस का अंदरूनी मामला है. लेकिन अपने गृह जिले के लिए जोधपुरवासियों के लिए मुख्यमंत्री ने कई अच्छे सकारात्मक कार्य किए हैं. जहां आगामी 40 वर्षों तक चिकित्सा के क्षेत्र में हर जरूरी कार्य मुख्यमंत्री के द्वारा किए गए हैं. साथ ही जोधपुर को शिक्षा का हब बनाने में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा योगदान रहा है.
बता दें कि जोधपुर संसदीय क्षेत्र में 10 विधानसभा की सीटों में शहरी क्षेत्र के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायक के रूप मे चुनकर आते हैं. उनके गृह जिले में वर्तमान हालात को लेकर युवाओं ने भी मुख्यमंत्री पद पर अशोक गहलोत के बने रहने की बात कही है.
जेएनवीयू के पूर्व छात्रसंघ महासचिव का बड़ा बयान
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में एबीवीपी के टिकट से जीते पूर्व छात्रसंघ महासचिव बबलू सोलंकी का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जननायक के रूप में राजस्थान के हर क्षेत्र के लिए विकास का कार्य कर रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री पद पर पूरे 5 साल रहना चाहिए. जोधपुर के विकास के लिए वह विकास पुरुष के रूप में साबित हुए हैं.
अधिवक्ताओं की पहली पसंद गहलोत
व्यास विश्वविद्यालय के युवा छात्र नेता अधिवक्ता दयाल सोलंकी का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री ही रहने देना चाहिए. वह पूरे 5 वर्ष तक मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूर्ण करें. जोधपुर के साथ ही प्रदेश के हर एक जिले उपखंड यहां तक कि तहसील तक को विकास से वंचित नहीं रखा है. जोधपुर के भावी भविष्य के लिए भी उन्होंने कहीं ऐसे कार्य किए हैं आगामी 50 वर्षों तक जोधपुर के विकास को आगे ले जाने में मददगार साबित होंगे.
छात्र ने कहीं ये बड़ी बात
सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले संजय का कहना है कि वह विज्ञान संकाय के विद्यार्थी हैं गहलोत के कार्यकाल में जहां विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य हुआ है. मुझे लगता है आगामी विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत को ही काबिज रहना चाहिए. उनकी सोच राजस्थान की भावी भविष्य के लिए कहीं ज्यादा उपयोगी है.
अशोक गहलोत की राजनीतिक पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रहे है. गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए. उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया. सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने.
गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 04/12/2003 को निर्वाचित हुए और 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 08/12/2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए.