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जयपुर। क्या सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी से बगावत करेंगे? पायलट नई पार्टी बनाएंगे? या पायलट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाएंगे? ये सभी सवाल राजस्थान की राजनीति में दिलचस्पी लेने वालों के मन में उठने शुरू हो गए हैं। दरअसल, राजस्थान में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। सूबे के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच की दीवार दिनोंदिन ऊंची होती जा रही है। बीते कुछ दिनों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट अपने पिता की पुण्यतिथि के दिन कुछ बड़ा ऐलान करने वाले हैं। ऐसे में एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है।
आजतक के लिए सी वोटर ने एक सर्वे किया है। सर्वे में सचिन पायलट को लेकर राजस्थान के लोगों से दो सवाल पूछे गए। पहला, क्या पायलट नई पार्टी बनाएंगे? दूसरा, क्या पायलट भाजपा में शामिल होंगे? इन दोनों सवालों पर तीन अलग-अलग तरह के लोगों से जवाब मांगा गया। पहला, उनसे जो भाजपा समर्थक हैं। दूसरा, जो कांग्रेस सपोर्टर हैं। तीसरा, राजस्थान के आम लोगों से। आइए सर्वे के रिपोर्ट को समझते हैं…
भाजपा में होंगे शामिल?
इस सवाल पर जो आंकड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। कांग्रेस समर्थकों में से 14 फीसदी लोगों ने कहा कि पायलट भाजपा में शामिल होंगे। वहीं भाजपा समर्थकों में से लगभग 48 फीसदी ने यह माना कि पायलट भगवा दल में आएंगे। राजस्थान की आम जनता में से 35 फीसदी ने यह कहा कि पायलट कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में चले जाएंगे।
क्या पायलट बनाएंगे नई पार्टी ?
इस सवाल पर 20 फीसदी राजस्थान के आम लोगों ने कहा कि हां, पायलट नई पार्टी बनाएंगे। वहीं 22 फीसदी भाजपा समर्थकों ने इस बात के लिए हामी भरी। हैरान करने वाली बात यह है कि लगभग 17 फीसदी कांग्रेस सपोर्टर ने भी यह कहा कि पायलट नई पार्टी बनाने वाले हैं।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत और पायलट में मनमुटाव बढ़ता ही जा रहा है। दोनों दिग्गज नेताओं का दिल मिलाने के लिए कांग्रेस आलाकमान कई बार कोशिश कर चुकी है। सचिन पायलट सीएम गहलोत से सवाल पूछते हुए अनशन पर भी बैठे थे। पायलट ने सरकार के खिलाफ एक यात्रा भी निकाली। चुनाव में दोनों नेताओं के बीच की यह नाराजगी कहीं नुकसान न पहुंचा दे इसके लिए बीते दिनों दिल्ली में एक अहम बैठक भी हुई थी। बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, सीएम गहलोत, सचिन पायलट,आदि शामिल थे। यह माना जा रहा था कि आलाकमान एक सुलह के फॉर्मूले के साथ यह बैठक आयोजित कर रही है। हालांकि यह बैठक नाकाम मानी जा रही है क्योंकि बैठक के अगले ही दिन पायलट ने कहा था कि वह अपनी मांगों के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे।
राजनीतिक जानकारों का यह कहना है कि पायलट की नाराजगी सिर्फ सीएम गहलोत से है। पायलट भी अक्सर यह कहते रहे हैं कि वह हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगे। ऐसे में चुनाव से पहले पायलट की बढ़ती नाराजगी कई तरह के संकेत दे रही है। हालांकि अभी तक पायलट की ओर से कोई बयान नहीं आया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सचिन पायलट आने वाले समय में क्या करते हैं।