CM नीतीश ने गुजरात में ‘भाई मोदी’ के लिए की थी भविष्यवाणी, 11 साल बाद सच

CM Nitish had predicted for 'Bhai Modi' in Gujarat, true after 11 years
CM Nitish had predicted for 'Bhai Modi' in Gujarat, true after 11 years
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अहमदाबाद: बिहार के मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का रिश्ता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से तोड़कर एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ सरकार बना ली है। पाला बदलते ही नीतीश कुमार को लेकर अटकलें लगने लगी हैं कि वह 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदार हो सकते हैं। खुद नीतीश कुमार सीधे तौर पर इस बात को स्वीकार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह विपक्ष को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, उससे संकेत मिलता है कि वह मोदी विरोधी राजनीति के धुरी बनना चाहते हैं।

मोदी के लिए चुनौती का ऐलान
नीतीश कुमार ने यह कहकर सीधे तौर पर पीएम मोदी को चुनौती देने की कोशिश की है कि जो 2014 में आए थे वह 2024 में रहेंगे कि नहीं? उन्होंने पीएम मोदी का नाम तो नहीं लिया। लेकिन इशारों में यह जरूर कहा कि 2014 में पीएम बनने वाले मोदी के लिए 2024 में वह रास्ता रोकने की कोशिश करेंगे। नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि उन्हें कई जगहों से फोन आ रहे हैं और वह विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करेंगे। जेडीयू चीफ ललन सिंह ने भी कहा है कि यदि विपक्ष बिहार, झारखंड और बंगाल में 40 सीटें बीजेपी की कम कर दे तो मोदी को बहुमत के जादुई आंकड़े से पीछे रोका जा सकता है।

जब मोदी को लेकर सच हुई थी नीतीश की बात
नीतीश कुमार से लेकर ललन सिंह तक जो दावे कर रहे हैं उनमें कितना दम है, वह 2024 के लोकसभा चुनाव में काउंटिंग के दिन ही पता चलेगा। फिलहाल जिक्र नीतीश कुमार की उस भविष्यवाणी का भी हो रहा है, जो उन्होंने नरेंद्र मोदी को लेकर 2003 में की थी। तब रेल मंत्री रहे नीतीश कुमार ने गुजरात के कच्छ में एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करते हुए जो बात कही थी वह 11 साल बाद 2014 में सच साबित हुई थी। नीतीश कुमार ने तब कहा था, ”मुझे पूरी उम्मीद है कि बहुत दिन गुजरात के दायरे में सिमटकर नरेंद्र भाई नहीं रहेंगे, देश को इनकी सेवाएं मिलेंगी।” माना जाता है कि नीतीश ने ही शायद सबसे पहले मोदी में ‘पीएम मैटेरियल’ की पहचान कर ली थी, क्योंकि उस समय उन्हें गुजरात की गद्दी पर बैठे ज्यादा समय नहीं हुआ था।

गुजरात दंगों के एक साल बाद तारीफ, 2013 में अलग की राहें
नीतीश कुमार का मन नरेंद्र मोदी को लेकर बार-बार बदलता रहा है। कभी खुलकर तारीफ और कभी कट्टर विरोध। 2002 में गुजरात दंगों के एक साल बाद ही उन्होंने जहां 2003 में मोदी की तारीफ की, उन्हें भाई संबोधित किया तो 2013 में मोदी के साथ तस्वीर पर ऐसे भड़के कि राहें अलग कर लीं। लेकिन वह फिर एनडीए के साथ आए और कई मौकों पर खुलकर पीएम मोदी की तारीफ की। अब एक बार फिर वह मोदी का रास्ता रोकने की कोशिश में जुट गए हैं।