- इस तारीख के बाद यूपी में एंट्री लेगी कड़ाके की सर्दी, कोहरे पर बड़ा अपडेट - November 10, 2024
- यूपी में 32 जमीन खरीदारों को बड़ा झटका, योगी सरकार लौटाएगी मालिकाना हक - November 10, 2024
- यूपी में जब्त किया गया ट्रक थाने से ही गायब! पुलिस ने दर्ज किया चोरी का केस - November 10, 2024
अमरावती: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) के विशाखापत्तम (विजाग) स्थित आलीशान पैलेस (रुशिकोंडा हिल पैलेस) के दरवाजे रविवार को आम लोगों के लिए खोले गए. जगन मोहन रेड्डी के शासन काल में कुल मिलाकर 452 करोड़ रुपये में 7 लग्जरी रेजिडेंशियल और ऑफिस बिल्डिंग का निर्माण करवाया गया था. चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) सरकार का आरोप है कि रुशिकोंडा हिल्स पर बने आलीशान पैलेस का निर्माण सभी पर्यावरणीय मानदंडों और नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था. चूंकि जगन सरकार के पास अमरावती से राजधानी शिफ्ट करने की परमिशन नहीं थी. लिहाजा उन्होंने पर्यटन विभाग के नाम पर इस आलीशान बिल्डिंग का निर्माण करवाया.
TDP विधायक गंता श्रीनिवास राव ने रविवार को रुशिकोंडा हिल्स पर बने आलीशान पैलेस के पहले दौरे पर आए NDA डेलीगेशन और मीडिया का नेतृत्व किया. अंदर की खूबसूरती और लग्जरी चीजें देखकर लोग दंग रह गए.
9.88 एकड़ में फैला है रुशिकोंडा पैलेस
रुशिकोंडा पैलेस समुद्र के सामने 9.88 एकड़ में फैला हुआ है. जगन मोहन काल में बने 7 लग्जरी बिल्डिंग में से 3 खासतौर पर रेजिडेंशियल बिल्डिंग हैं. इनमें 12 बेडरूम हैं. हर बेडरूम में अटैच लग्जरी वॉशरूम है. इसमें सभी तरह की लग्जरी सुविधाएं, हाई क्वालिटी फर्निशिंग, साजो-सामान, चमचमाते झूमर, बाथटब और फ्लोर वर्क पर जनता के पैसों का इस्तेमाल किया गया था.
430 वर्ग फुट में बनाया गया एक-एक बाथरूम
एक बाथरूम अधिकतम 430 वर्ग फुट में बनाया गया. बाथटब में सबसे ज्यादा खर्चा किया गया था. बिल्डिंग के इंटीरियर डेकोरेशन के लिए सामान और फर्नीचर पर करीब 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं, सड़कों, नहरों और पार्कों के विकास पर 50 करोड़ का खर्च आया. बिल्डिंग के बाहर भी शानदार लैंडस्केपिंग की गई है. पार्क में 2 से 3 तरह के वॉकवे बनाए गए.
मई 2021 में ली गई थी CRZ के तौर पर मंजूरी
रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से रुशिकोंडा हिल्स पर विकसित की जाने वाली एक पर्यटन परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा मई 2021 में CRZ यानी तटीय नियामक क्षेत्र की मंजूरी दी गई थी. TDP के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश का कहना है कि जगन मोहन रेड्डी ने इसे खास तौर से अपने कैंप ऑफिस के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला किया था. उन्होंने दावा किया कि बिल्डिंग के निर्माण के लिए राज्य के खजाने के 500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया है.
चुनाव से ठीक पहले रेड्डी ने किया था उद्घाटन
जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिना किसी की अनुमति के इस बिल्डिंग का उद्घाटन किया था. उन्होंने चुनाव के बाद भवन में एंट्री की योजना बनाई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आंध्र प्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य ही बदल गया.
TDP के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने जगन मोहन रेड्डी के आलीशान पैलेस की तुलना इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन और जनार्दन रेड्डी के बनवाए महलों से की. उन्होंने तर्क दिया कि पैलेस में रिव्यू मीटिंग और दूसरी मीटिंग के लिए खास तरह से डिजाइन किया गया एक कॉन्फ्रेंस रूम भी तैयार किया गया था, इसे वास्तव में पर्यटक संपत्ति के लिए जरूरी नहीं माना जाता.
निर्माण में बरती गई गोपनीयता
YSRCP के समर्थकों को ही कॉन्ट्रैक्ट दिए. नारा लोकेश ने कहा, “पैलेस बनवाने के लिए रुशिकोंडा हिल्स में पर्यटन के लिए बने ग्रीन रिसॉर्ट्स को जमींदोज कर दिया गया. इस रिसॉर्ट्स से सालाना 8 करोड़ रुपये तक की आय होती थी. TDP नेता ने रेड्डी सरकार पर अदालतों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.”
जमीन को समतल करने में खर्च कर दिए गए 95 करोड़ रुपये
नारा लोकेश ने आरोप लगाया, “रेड्डी सरकार ने इसे स्टार होटल, फिर सीएम कैंप ऑफिस और बाद में पर्यटन प्रोजेक्ट बताया. इस प्रोजेक्ट को 15 महीने की डेडलाइन के साथ 91 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक स्टार होटल के रूप में लॉन्च किया गया था. लेकिन 95 करोड़ रुपये सिर्फ जमीन को समतल करने और 21 करोड़ रुपये आसपास के इलाकों को सुंदर बनाने में खर्च कर दिए गए. यही नहीं, सीक्रेट कंस्ट्रक्शन दूर से न दिखाई दे, लिहाजा चारों तरफ 20 फीट की ऊंची बैरिकेडिंग की गई थी.