शिमला: हिमाचल के पहाड़ों पर जून में भी सर्दी जैसी ठंड पड़ रही है। धर्मशाला में पहली जून को न्यूनतम तापमान 13.2 डिग्री और शिमला में 9.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले धर्मशाला में जून में कभी भी इतनी ठंड नहीं पड़ी। 9 जून 2010 को धर्मशाला का न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री था। वहीं शिमला में 1999 (9.4 डिग्री 4 जून को) के बाद इस बार जून महीने में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है। अन्य शहरों के तापमान में भी ऐसी ही गिरावट दर्ज की गई। प्रदेश में अब सर्द मौसम, बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी लोगों की मुसीबतें बढ़ा रही है। किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं।
2 NH समेत 34 सड़कें बंद
बीते तीन दिन की बारिश के कारण प्रदेशभर में 2 नेशनल हाईवे (NH) सहित 34 सड़कें और डेढ़ दर्जन बिजली के ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। बारिश-बर्फबारी के बाद NH-3 रोहतांग टलन और NH-505 ग्रांफू से छोटा दर्रा के बीच वाहनों के लिए अवरुद्ध पड़ा है। अकेले कुल्लू जिले में 24 सड़कें, शिमला में दो, चंबा में सात और कांगड़ा में एक सड़क बंद है।
आज भी राहत के आसार नहीं
आज व कल भी बारिश से राहत के आसार नहीं है। मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में बारिश का येलो अलर्ट जारी कर रखा है। परसों से वेस्टर्न डिस्टरबेंस थोड़ा कमजोर पड़ सकता है। मगर, अभी अगले चार-पांच दिन मौसम पूरी तरह साफ नहीं होगा। निरंतर हो रही बारिश के कारण ठंड भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है।
146 करोड़ की फसलें तबाह
मौसम ने इस बार किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। बेमौसम बर्फबारी, बारिश व ओलावृष्टि से 146 करोड़ रुपए की फसलें तबाह हो गई हैं। इससे भी कई गुणा ज्यादा नुकसान खराब मौसम के कारण फसल नहीं लगने से हुआ है। सेब की फ्लावरिंग के वक्त मौसम अनुकूल नहीं रहने से इस बार फसल बीते साल की तुलना में लगभग 55 से 60 फीसदी है। यानी 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान अकेले सेब को हुआ है।
अकेले शिमला जिला में 83 करोड़ की फसल तबाह
इसी तरह चैरी, खुमानी, आम, बादाम इत्यादि फलों को भी खराब मौसम से करोड़ों का नुकसान हुआ है। फलों को सबसे ज्यादा 91.18 करोड़ और कृषि उपज को 54.93 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। अकेले शिमला जिला में 83 करोड़ की फसलें खराब मौसम की भेंट चढ़ी है।