राजस्थान में हालात बिगाड़ रहा है कोरोना बम, 90 प्रतिशत मरीज अस्पताल में भर्ती

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बाड़मेर: प्रदेश की राजधानी जयपुर को जहां कोरोना संक्रमण ने बुरी तरह अपनी चपेट में ले रखा है। वहीं राजस्थान के अंतिम छोर यानी भारत-पाक पर सीमा पर स्थित बाड़मेर जिले में भी कोरोना ने स्थिति भयावह बना दी है। यहां भी कोविड संक्रमित भर्ती मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब स्थिति यह है कि यहां तेजी से बढ़ते मामलों के चलते अस्पताल भी बेडों की कमी से जूझने पड़ रहा है। वहीं यहां 90 प्रतिशत मरीजों में से 50 प्रतिशत ऐसे है, जो ऑक्सीजन पर है। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल को यहां तीन रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब कोई भी ऑक्सीजन पर नहीं था, लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि अस्पताल में 72 रोगी हैं, जिनमें से 45 ऑक्सीजन पर हैं। मेडिकल कॉलेज की स्थिति भी खराब होती जा रही है। पिछले 10 दिनों में यहां भर्ती मरीजों की संख्या पिछले 10 महीनों में भर्ती मरीजों की कुल संख्या के बराबर पहुंच चुकी है।

ऑक्सीजन की खपत भी कई गुना बढ़ी
बाड़मेर के सीएमएचओ बाबू लाल विश्नोई ने कहना कि पिछले 10 दिनों में यहां कोविड रोगियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। लिहाजा ऑक्सीजन की डिमांड कई गुना बढ़ गई थी। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्तमान में ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं है। इधर ये भी बताया जा रहा है कि यहां वर्तमान स्थिति ऐसी है कि हर दिन एक नया वार्ड बनाया जा रहा है। ऑक्सीजन की खपत भी कई गुना बढ़ गई है। लिहाजा अब ऑक्सीजन बनाने वाले संयंत्र (संसाधन) भी अपर्याप्त लगने लगे हैं। चिकित्सा अधिकारी डॉ बी .एल मंसूरिया ने कहना है कि रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि ने प्रशासन की चिंताओं को बढ़ा दिया है। मंसूरिया का कहना है कि रोज जो नया वार्ड सुबह बनाया जा रहा है, वो रात तक भर जाता है, लिहाजा यहां चिकित्सा विभाग के लिए अभी कोविड बड़ी चुनौती बना हुआ है।

दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी
डॉ मंसूरिया ने कहा कि दूसरी लहर बहुत खतरनाक साबित हो रही है। थोड़ी लापरवाही लोगों की जान जोखिम में डाल सकती है। आम जनता कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। इसे हल्के में ले रही है, जिसके कारण मामले रोज बढ़ रहे हैं। यदि मामले उसी गति से बढ़ते हैं, तो भविष्य में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों से मिलने के लिए बड़ी संख्या में रिश्तेदार अस्पताल आ रहे हैं , उन्हें समझाने के बावजूद बाद भी वो लापरवाही कर रहे है, इससे वायरस फैल सकता है।

वैक्सीनेशन का काम भी धीमा
इधर यह जानकारी भी मिली है कि बाड़मेर जिले में टीकों की कमी आई है। चिकित्सा अधिकारी ने इस संबंध में जानकरी दी है कि पिछले तीन दिनों से यहां कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हुई है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में 100 से अधिक केंद्र बंद हैं। हर दिन यहां 40,000 टीकों की मांग होती है, लेकिन बाड़मेर शहर और बालोतरा शहर में केवल 10000 ही टीके लगने की व्यवस्था हो पा रही है।