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मुजफ्फरनगर। वन्य जीव सप्ताह के अंतिम दिन मंगलवार को गंगा बैराज में डॉल्फिन प्वाइंट से गंगा डॉल्फिन गणना की शुरुआत की गई।
रामराज के गंगा बैराज पर वन्य जीव सप्ताह के अंतिम दिन डॉल्फिन गणना की शुरुआत मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी क्षेत्र एनके जानू ने हरी झंडी दिखाकर की। उन्होंने गणना दल को रवाना किया। दल का नेतृत्व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ संयोजक संजीव यादव कर रहे हैं। बैराज से नरौरा तक लगभग 220 किमी तक क्षेत्र में गणना की जाएगी। दल 12 अक्तूबर को नरौरा पहुंचेगा। गणना के अंतिम आंकड़े रविवार 13 अक्तूबर को मुख्य वन संरक्षक, मेरठ जोन एनके जानू की ओर से घोषित किए जाएंगे। डॉल्फिन गणना में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मुजफ्फरनगर कन्हैया पटेल, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग बिजनौर ज्ञान सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी जानसठ रविकांत चौधरी और क्षेत्रीय वन अधिकारी बिजनौर महेश गौतम भी उपस्थित रहे। राज्य वन विभाग के साथ मिलकर विश्व प्रकृति निधि भारत (डब्ल्यूडल्ब्यूएफ इंडिया) गंगा नदी में सूस की संख्या की गणना कर रहे हैं। यह अभियान आठ को शुरू हुआ और 12 अक्तूबर 2024 तक चलेगा। गणना गंगा नदी में बिजनौर-मुजफ्फरनगर बैराज से नरौरा तक होगी। बताया कि गंगा घाटी में जहां सब रहते हैं, वह पचास करोड़ लोगों और 140 से अधिक जलीय प्रजातियों का घर है, जितना सभी दैनिक जरुरतों के लिए इस नदी से जुड़ते हैं। चाहे वह परिवहन हो, रहवास, जल हो या कुछ और इस नदी के जल के माध्यम से जीवन से जुड़ते हैं। गांगेय डॉल्फिन विश्व में पाई जाने वाली स्वच्छ जलीय डॉल्फिन प्रजातियों में से एक प्रजाति है।