Daily Meal: 1 दिन में कितनी बार करें भोजन? आपकी सोच से उलट दिया गया जवाब

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Healthy Daily Food: कहा जाता है कि नाश्ता (Breakfast) दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है.हमें काम के दौरान लंच ब्रेक दिया जाता है. इसके बाद रात का भोजन (Dinner) किया जाता है, लेकिन क्या यह खाने का सबसे स्वस्थ तरीका है? हमें कितनी बार खाना चाहिए, इस बारे में सोचने से पहले वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें कब नहीं खाना चाहिए. इसको लेकर रिसर्च किया गया, जिसमें कई बातें सामने आईं.

पाचन तंत्र को दें आराम
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया में साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज में क्लीनिकल रिसर्चर एमिली मनोयोगियन का कहना है कि हमें अपने पाचन तंत्र को आराम देने के लिए दिन में 12 घंटे भोजन नहीं करना चाहिए. इसको लेकर विस्कॉन्सिन स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ यूनिवर्सिटी के सहयोगी प्रोफेसर रोजलिन एंडरसन ने कैलोरी (Clories) प्रतिबंध के लाभों का अध्ययन किया, जो शरीर में सूजन के निचले स्तर से जुड़ा हुआ है.

उपवास रखने से फायदा
उनका मानना है कि हर दिन उपवास करने से कई फायदे हो सकते हैं. उपवास शरीर को एक अलग स्थिति में रखता है, जहां ये पाचन तंत्र को हुए नुकसान की भरपाई करता है. इसके साथ ही मिसफॉल्ड प्रोटीन को साफ करता है. मिस्फोल्डेड प्रोटीन (Misfolded protein) साधारण प्रोटीन का दोषपूर्ण संस्करण हैं.मिसफोल्डेड प्रोटीन कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है.

ग्लाइसेमिक प्रक्रिया में सुधार
एंडरसन का तर्क है कि उपवास हमारे शरीर के विकास के लिए काफी फायदेमंद है. यह शरीर को आराम देता है. उपवास हमारी ग्लाइसेमिक प्रक्रिया (Glycemic Process) में भी सुधार कर सकता है. पडोवा यूनिवर्सिटी (Padova University) व्यायाम और खेल विज्ञान के प्रोफेसर एंटोनियो पाओली कहते हैं कि रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम होने से शरीर में कम फैट जमा होता है. हमारा डेटा बताता है कि रात में जल्दी खाने से उपवास का समय बढ़ता है, जिससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.

रोमन दिन में एक बार खाते थे खाना
कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि दिन में एक बार भोजन करना सबसे अच्छा है, जिसमें न्यूयॉर्क में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ ह्यूमन इकोलॉजी के प्रोफेसर डेविड लेवित्स्की भी शामिल हैं, जो खुद ऐसा करते हैं. खाद्य इतिहासकार सेरेन चारिंगटन-हॉलिन्स कहते हैं कि रोमन भी दिन में एक बार भोजन करते थे. क्या दिन में एक बार भोजन करने से भूख नहीं लगती? इस पर लेवित्स्की का कहना है कि यह जरूरी नहीं है. भूख अक्सर एक मनोवैज्ञानिक अनुभूति होती है.

बढ़ सकता है ग्लूकोज का स्तर
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिन में एक बार भोजन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. यह खून में ग्लूकोज (Glucose) के स्तर को बढ़ा सकता है. जिसे फास्टिंग ग्लूकोज कहा जाता है. लंबे समय तक उपवास ग्लूकोज का उच्च स्तर टाइप 2 शुगर (Sugar) के लिए खतरनाक हो सकता है. खून में ग्लूकोज के स्तर को नीचे रखने के लिए दिन में एक से अधिक बार नियमित रूप से खाने की आवश्यकता होती है.दिन में 2 से 3 बार भोजन करना सबसे अच्छा होता है. हालांकि, सुबह जल्दी खाने से भी बचना चाहिए. इससे शरीर को उपवास के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा.

सुबह उठकर इस समय करें नाश्ता
विशेषज्ञ चारिंगटन-हॉलिन्स कहते हैं कि इसका मतलब यह नहीं है कि नाश्ता पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए, लेकिन सुबह उठने के 1 से 2 घंटे के बाद नाश्ता करना चाहिए. प्राचीन यूनानियों ने सबसे पहले नाश्ते की अवधारणा को पेश किया था. वे शराब में भिगोकर रोटी खाते थे इसके बाद उन्होंने दोपहर का भोजन किया, फिर एक शाम को भोजन करना शुरू किया.