मरने के बाद भी जिंदा रहता है मुर्दा, दिमाग भी करता है काम, जानिए मरने के बाद क्या बदलाव होते हैं!

Dead remains alive even after death, brain also works, know what changes happen after death!
Dead remains alive even after death, brain also works, know what changes happen after death!
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Part of Body Lives After Death: इंसान की मौत के बाद क्या उसका शरीर तुरंत ही काम करना बंद कर देता है या फिर कुछ अंग अपना काम करते रहते हैं? वैसे आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मरने के बाद शरीर की सारी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं रुकती नहीं हैं बल्कि लंबे समय तक ये कार्य करती रहती हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर कौन से वो अंग हैं, जो प्राण छोड़ने के घंटों बाद भी सक्रिय रहते हैं.

मौत से ठीक पहले अंग एक-एक कर काम करना बंद कर देते हैं. सबसे पहले श्वास प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है. उसके बंद होते ही दिल धड़कना बंद कर देता है. अगले पांच मिनट में शरीर के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और कोशिकाएं मरने लगती हैं. इस स्थिति को ‘प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न’ कहते हैं. इसके बाद बॉडी का टेम्परेचर हर घंटे 1.5 डिग्री कम होता जाता है.

मरने के बाद त्वचा 24 घंटे से कहीं ज्यादा वक्त तक ज़िंदा रहती है. शरीर की कुछ कोशिकाएं मरने के बाद भी हरकत में रहती हैं और अपनी मरम्मत करती रहती हैं. ये स्थिति कई दिनों तक चलती रहती है. इंसान के अलावा जानवरों में भी ये प्रक्रिया चलती रहती है और स्किन लिविंग बनी रहती है.

मौत के आधे घंटे बाद तक अंदर शरीर से किडनी, लीवर और हृदय जैसे अंग 6 घंटे तक जिंदा रहते हैं. माना जाता है कि इन अंगों को जिस भी शरीर में ट्रांसप्लांट करना हो, वो 6 घंटे के अंदर कर देना चाहिए क्योंकि तब तक इनकी कोशिकाएं ज़िंदा रहती हैं.

इंसान के मरने के बाद भी उसके बाल और नाखूनों की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं और खुद ब खुद बाल और नाखून बढ़ते रहते हैं. कुछ लोग ऐसे देखे गए हैं, निधन के बाद जिनके चेहरे पर दाढ़ी बढ़ जाती है.

सुनने में ये अटपटा लग सकता है लेकिन शरीर में ब्लैडर खाली करने की प्रक्रिया मौत के बाद भी चलती रहती है. यही वजह है कि शव थोड़ी देर बाद गीले हो जाते हैं क्योंकि शरीर से मूत्र भी बाहर आता रहता है.

शोध बताते हैं कि मौत के बाद हमारी जींस ज़िंदा रहती है. जानकारी के मुताबिक डीएनए मृत्यु के बाद ही ज्यादा एक्टिव होता है और अधिक मात्रा में प्रोटींस बनाने लगता है. इतने ही नहीं इंसान के शरीर में पाचन क्रिया भी चलती रहती है. अमीनो एसिड की वजह से शरीर से दुर्गंध भी आ सकती है, यही वजह है कि नाक और मुंह को रुई से ढंका जाता है.

इंसान का दिल धड़कना बंद कर देता है, सांस बंद हो जाती है लेकिन शरीर का मस्तिष्क सक्रिय रहता है. यही वजह है कि कुछ लोग फिर से ज़िंदा होने का दावा करने के बाद अपने साथ हुई घटनाएं बताने की स्थिति में रहते हैं. कई बार तो वे पूरी तरह समझाते हैं कि उन्होंने क्या महसूस किया.

येल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च कहती है कि मरने के बाद भी नर्वस सिस्टम अपना काम बंद करने में अच्छा वक्त लेता है. यही वजह है कि शरीर कई बार फड़कता हुआ या हरकतें करता हुआ दिखता है. मांसपेशियां जकड़ जाती हैं लेकिन इनमें कई बार वैसी हरकत होती है, जैसी ज़िंदा होने के वक्त होती थी.