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मुजफ्फरनगर। स्टेट बैंक के पीछे चल रहे एक प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी के दौरान दो जुड़वाँ नवजात शिशुओं की मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल संचालक पर लापरवाही व गंभीर आरोप लगते हुए हंगामा किया। सूचना पर पहुचे जानसठ सीएचसी प्रभारी ने अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजो को सरकारी एम्बुलेंस से जानसठ सीएचसी में भर्ती कराया है वही प्राइवेट अस्पताल को सील कर दिया है। मीरापुर क्षेत्र में दर्जनों अवैध प्राइवेट अस्पताल चल रहे है।
अस्पताल संचालको ने दूर दराज के प्रशिक्षित डॉक्टरों के बोर्ड लगाकर उनके स्थान पर झोलाछाप डॉक्टर अस्पतालों में बैठा रखे है, जिस कारण इन अस्पतालों में आये दिन किसी न किसी की मौत हो जाती है। मीरापुर के स्टेट बैंक के पीछे चल रहे जकी नर्सिंग होम में गुरुवार की देर रात कैथोड़ा निवासी आरिफ ने अपनी पत्नी रूबी को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया था। आरिफ का आरोप है कि अस्पताल संचालक ने मेरठ के एक प्रशिक्षित डॉक्टर से उसकी डिलीवरी कराना तय किया था तथा शुक्रवार की सुबह 8 बजे महिला की डिलीवरी होनी थी।
आरोप है कि इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने बिना परिजनों को बताए किसी प्रशिक्षित चिकित्सक के स्थान पर किसी झोलाछाप डॉक्टर से महिला की डिलीवरी कराई, जिस कारण डिलीवरी के दौरान रूबी के पेट में पल रहे दोनों जुड़वाँ नवजात शिशुओं की मौत हो गई। बच्चों की मौत होते ही अस्पताल संचालक मौके से फरार हो गया। दोनों शिशुओं की मौत से परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया।
मामले की सूचना पर दोपहर के समय जानसठ सीएचसी प्रभारी अशोक कुमार अपनी टीम में साथ अस्पताल पहुचे और वहां पर भर्ती अन्य तीन मरीजों से पूछताछ कर दो महिला मरीजों को जानसठ सीएचसी के लिए भेज दिया वही एक मरीज को उसके परिजन अपने साथ ले गए। सीएचसी प्रभारी द्वारा अस्पताल को सील कर दिया गया है।