- भारत से टेंशन के बीच हिंदू राग क्यों अलापने लगे ट्रूडो, लगा रहे मंदिरों का चक्कर - November 3, 2024
- नवंबर शुरू होते ही इस SUV पर आया 12 लाख रुपए का कैश डिस्काउंट, अब बस इतनी रह गई कीमत - November 3, 2024
- ISRO ने फिर कर दिया कमाल, लेह की धरती पर उतार दिया ‘अंतरिक्ष’; जानें कैसे करेगा काम - November 3, 2024
मेरठ: 2024 के आम चुनाव से पहले एक बार फिर वेस्ट यूपी को अलग प्रदेश बनाने की मांग उठने लगी है। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त संगठन ने शुक्रवार को शामली जिले में इस बाबत मीटिंग की थी और उत्तर प्रदेश का बंटवारा कर वेस्ट यूपी को अलग बनाने की मांग की। साथ ही शनिवार को संगठन ने वेस्ट यूपी जन यात्रा का स्वागत किया।
वेस्ट यूपी को अलग-अलग संगठन अलग प्रदेश बनाने की मांग कर चुके हैं। रालोद हरित प्रदेश की मांग करता रहा है। पथिक सेना एनसीआर को दिल्ली प्रदेश में बनाने की मांग कई बार कर चुकी है। कई दूसरे संगठन वेस्ट यूपी के जिलों को हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में शामिल करने का प्रस्ताव सरकार को भेज चुका है, लेकिन अभी तक यह मुहिम परवान नहीं चढ़ सकी है। फिलहाल भारतीय किसान मजदूर संयुक्त संगठन मोर्चा ने इस मांग को हवा दी है।
शामली में मीटिंग कर इस मांग को उठाया। अलग प्रदेश की मांग को लेकर संगठन की तरफ से शनिवार को वेस्ट यूपी निर्माण जन यात्रा के शामली पहुंचने पर स्वागत किया गया। इस दौरान संगठन की तरफ से आम जन से इस मांग के पक्ष में खड़ा होने की अपील की गई। संगठन के पदाधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है कि देश में तरक्की छोटे-छोटे प्रदेशों की हो रही है। बताया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड आदि इसके उदाहरण हैं। वेस्ट यूपी अगर अलग प्रदेश बन जाए, तब यह प्रदेश भारत का सबसे विकसित और प्रगतिशील प्रदेश होगा।