किसान आंदोलन पर नेताओं और युवाओं में मतभेद, लौटे प्रदर्शनकारी, इस बात से हुए नाराज

Differences between leaders and youth on farmer movement, protesters returned, angry about this
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पटियाला। Protestors Began to Return: पंजाब के पटियाला में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के सिद्धूपुर गुट की ओर से दिल्ली कूच को लेकर दस दिन से शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर जुटे किसान अब लौटना शुरू हो गए हैं। बुधवार को संगरूर जिले के खनौरी में बठिंडा के शुभकरण की मौत (Shubhkaran Death at khanauri Border) और किसान संगठनों की ओर से दो दिन के लिए दिल्ली कूच टालने से दो गुट बनना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। दिल्ली कूच बार-बार टलने से युवा नाराज हो गए हैं।

अब तक 25 फीसदी किसान लौट चुके
इसके चलते शंभू बॉर्डर से किसानों के लौटने का क्रम बुधवार रात ही शुरू हो गया था और आज दोपहर तक 25 प्रतिशत तक किसान घर वापसी कर चुके थे। दूसरी तरफ, संगरूर के खनौरी में भी गुरुवार को माहौल शांत रहा और यहां भी भीड़ कम दिखी। यहां किसानों ने हरियाणा सीमा से पहले ही सड़क के बीच ट्रालियां लगा दी हैं ताकि कोई भी किसान हरियाणा सीमा की तरफ न जा सके। उधर, शुभकरण का गुरुवार को भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका।

शुभकरण को मिले बलिदानी का दर्जा
किसान नेताओं की मांग है कि जब तक शुभकरण को बलिदानी का दर्जा देकर उसके परिवार को बलिदानी के परिवार को दी जाने वाली सुविधाएं नहीं दी जाती वे पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। राजिंदरा अस्पताल में दाखिल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मिलने पहुंचे सरवन सिंह पंढेर व अन्य नेताओं ने कहा कि पंजाब की सीमा में हरियाणा पुलिस द्वारा ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए गए, अगर पंजाब सरकार पहले ही इन मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करती तो खनौरी बार्डर वाली घटना न होती। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि वह किस ओर है।

वहीं, राजिंदरा अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि बुधवार को अस्पताल में दाखिल करवाए गए किसान नेता डल्लेवाल की हालत स्थिर है, उनके शरीर में किसी भी तरह का कोई फ्रैक्चर नहीं आया है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (कादियां) की ओर से खनौरी में युवा किसान की मौत के विरोध में प्रदेश भर में दोपहर 12 से दो बजे तक नेशनल हाईवे बंद रखा।

हरियाणा पुलिस की सख्ती से टला दिल्ली कूच
बता दें कि सिद्धूपुर गुट की ओर से 13 फरवरी को दिल्ली कूच की घोषणा की थी। किसान 13 फरवरी से ही पटियाला जिले के शंभू, संगरूर के खनौरी और बठिंडा के डबवाली में जुटे हुए हैं। हरियाणा पुलिस की ओर से की गई किलेबंदी के कारण किसान हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। किसानों की ओर से जब-जब हरियाणा की सीमा में प्रवेश करने का प्रयास किया तब-तब हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोले दाग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ देती है।

बुधवार को भी किसानों ने सुबह 11 बजे दिल्ली कूच की घोषणा की थी। इसके बाद भारी संख्या में किसान जब हरियाणा सीमा की ओर कूच करने लगे तो पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दाग उन्हें खदेड़ दिया। इसी दौरान खनौरी में युवा किसान शुभकरण सिंह की संदिग्ध परिस्थिति मौत हो गई और किसानों ने दिल्ली कूच का कार्यक्रम शुक्रवार शाम तक के लिए टाल दिया।

भीड़ और भारी मशीनें दोनों में आई कमी
गुरुवार को शंभू बॉर्डर पर जहां किसानों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली। वहीं, मौके पर कुछ ही भारी मशीनें दिखाई दीं। मंच पर किसान नेता लगातार किसानों में जोश भरने का प्रयास करते नजर आए, लेकिन सूनने वालों की भीड़ में खासी कमी नजर आई। ट्रालियों में बैठे किसानों में भी चिंता साफ झलक रही थी। काफी संख्या में किसानों के वाहन हाईवे पर वापसी करते नजर आए। भीड़ कम होने पर किसान नेता यही कहते नजर आए कि जो किसान यहां से जा रहे हैं वे घर नहीं बल्कि खनौरी बार्डर की ओर जा रहे हैं। हालांकि खनौरी में भी हालात शंभू बार्डर जैसे ही हैं, वहां पर भीड़ बुधवार की अपेक्षा बेहद कम दिखाई दी।