मुजफ्फरनगर में जिला पंचायत सदस्य बोलेः विधायक को 5 करोड़ मिलते हैं, फिर भी…

District Panchayat member in Muzaffarnagar said: MLA gets 5 crores, still...
District Panchayat member in Muzaffarnagar said: MLA gets 5 crores, still...
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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सोमवार को कलेक्ट्रेट के चौ. चरण सिंह सभाकक्ष में आयोजित जिला पंचायत बोर्ड मीटिंग पहली बार सौहार्द्रपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। इस बैठक में पक्ष और विपक्ष ने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर विकास के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। प्रदेश सरकार के मं

जिला पंचायत सदस्यों ने साफ तौर पर कहा कि विधायकों को विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ रुपये की निधि मिलती है, फिर भी वे जिला पंचायत की निधि पर नजर क्यों गड़ाए हुए हैं। इसके बाद, सदन ने सर्वसम्मति से मंत्री के सामने विधायक और मंत्री के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।

बैठक की शुरुआत में नवनिर्वाचित सदस्य सतेन्द्र बालियान का सदन ने गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार और एमएलसी वन्दना वर्मा भी इस अवसर पर मुख्य रूप से मौजूद रहे, जिनका जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने बुके देकर स्वागत किया।

एएमए पवन गोयल ने सदन के सामने 12 प्रस्तावों वाला एजेंडा प्रस्तुत किया। इसमें पंचम राज्य वित्त आयोग टाइड और 15वें वित्त आयोग अनटाइड के अंतर्गत प्राप्त धनराशि से प्रस्तावित निर्माण कार्यों की कार्ययोजना को सर्वसम्मति से पारित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के विभव एवं संपत्ति कर की सूची को भी बोर्ड ने स्वीकृत कर दिया। कांवड़ यात्रा के दौरान कराए गए कार्यों पर हुए खर्च की भी स्वीकृति प्रदान की गई।

हालांकि, उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा द्वारा लाए गए 75 करोड़ 71 लाख 84 हजार 300 रुपये के लेबर बजट पर सदस्यों ने विरोध जताया। इस पर लंबी बहस हुई और डीसी मनरेगा को अपना पक्ष भी रखना पड़ा, लेकिन अंततः सदन की सहमति नहीं बनने पर यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया।