मदरसों में लागू होगा ड्रेस कोड, अब से बच्चे नहीं पहनेंगे कुर्ता-पायजामा; चलेगी NCERT किताबें

Dress code will be implemented in madrasas, from now on children will not wear kurta-pajama; NCERT books will work
Dress code will be implemented in madrasas, from now on children will not wear kurta-pajama; NCERT books will work
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उत्तराखंड में मदरसों के आधुनिकीकरण की राह में जल्द ही नए कदम उठाए जा रहे हैं. जहां मदरसों में शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है. ऐसे में अब छात्र कुर्ता-पायजामा पहन कर मदरसे में पढ़ने के लिए नहीं जा सकेंगे. क्योंकि, प्रदेश में वक्फ बोर्ड के दायरे में आने वाले सभी 103 मदरसों में अगले साल से ड्रेस कोड लागू होगा. वहीं, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि, इसके लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जहां इसे जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास किया जाएगा.

दरअसल, प्रदेश के 103 मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. इसके अलावा सभी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें भी लागू की जाएंगी. गौरतलब है कि, उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के दायरे में 103 मदरसे आते हैं. वहीं, शादाब शम्स ने कहा, मदरसों को मॉडर्न स्कूल के तर्ज पर चलाई जाने की भी तैयारी चल रही है. जहां पहले चरण में 7 मदरसे में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिसमें दो देहरादून, दो उधमसिंह नगर, दो हरिद्वार और एक नैनीताल के के मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा.

उत्तराखंड के मदरसों में लागू किया जाएगा ड्रेस कोड
हालांकि मदरसों के बच्चों को यूनिफार्म सरकार की ओर से दी जाएगी या फिर छात्रों को खुद खरीदना पड़ेगा. अभी इसकी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, प्रदेश के मदरसों में ड्रेस कोड लागू किए जाने का फैसला पहली बार लिया गया है. जहां बोर्ड इस संबंध में जल्द ही केंद्र सरकार को छात्रों की ड्रेस के लिए बजट प्रस्ताव बनाकर भेजेगा.

जानिए कौन है शादाब शम्स?
बता दें कि, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स प्रदेश बीजेपी की सक्रिय राजनीति में एक अहम चेहरा माने जाते हैं.गौरतलब है कि साल 2021 में बीजेपी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा उत्तराखंड के बीजेपी नेता शादाब शम्स को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था. इसके साथ ही बीजेपी नेता शादाब शम्स 15 सूत्रीय कार्यक्रम समिति के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.

क्या होता है वक्फ बोर्ड
गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल की व्यवस्था का इंतजाम और देखभाल करता है. जहां वक्फ बोर्ड न्यायिक व्यवस्था के तहत गठित किया गया कानूनी बोर्ड है. वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है.