जयपुर। राजस्थान में मंगलवार दोपहर मौसम एक बार फिर बदल गया। कई जिलों में आंधी चली। आसमान में धूल का गुबार छा गया। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इससे अगले तीन दिन आंधी चलेगी। कुछ इलाकों में बारिश भी हो सकती है।
चूरू में मंगलवार दोपहर ढाई बजे उत्तर-पश्चिम दिशा से धूलभरी आंधी आई। दिन में ही रात जैसा माहौल हो गया। गाड़ी चलाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही शहर को आंधी ने अपने आगोश में ले लिया। चारों तरफ धूल का गुबार छा गया।
बीकानेर के लूणकरनसर और खाजूवाला सहित कई गांवों में बारिश हुई। खाजूवाला में दोपहर 12 बजे से तेज हवा का सिलसिला शुरू हो गया था। फिर बारिश शुरू हो गई, जो करीब एक घंटे तक हुई। लूणकरनसर में भी ऐसा ही मौसम रहा। तेज धूप के बीच अचानक बादल छा गए। कुछ देर बाद बारिश शुरू हो गई। काफी देर तक बारिश का सिलसिला चलता रहा।
इधर, बाड़मेर, बूंदी में पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ गर्मी के तेवर तेज हो गए हैं। संभावना है कि अगले एक-दो दिन में तापमान और बढ़ेगा। पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखें तो चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बाड़मेर और जालोर में बारिश के साथ ओले गिरे। बाड़मेर में 2 से 6MM तक बारिश हुई।
राज्य में चक्रवात का कम दिखेगा असर
इधर, अरब सागर में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती हवा का सिस्टम) जो आगे चलकर एक चक्रवात का रूप ले सकता है। उसका राजस्थान पर प्रभाव कम देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इस सिस्टम का असर पश्चिमी तटीय क्षेत्र केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। इस सिस्टम आगे बढ़ने के बाद ओमान की तरफ टर्न लेने के आसार हैं, जिसके चलते राजस्थान में इसका असर ज्यादा रह सकता है।
मानसून में देरी का एक कारण चक्रवात भी रहेगा
राजस्थान में मानसून की देरी का एक कारण यह चक्रवात भी रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी मानसून की स्पीड को यह चक्रवात कुछ समय के लिए रोक लेगा। इसके कारण महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत मध्य भारत में मानसून की एंट्री में देरी होगी।