
- बिहार में घर से निकली 4 डेड बॉडी, पिता ने दो जवान बेटों के साथ की खुदकुशी, मामला जान सिहर जाएंगे आप - December 8, 2023
- हमास ने यौन उत्पीड़न किया, टॉयलेट पेपर खिलाया; नरक भोग कर लौटे इजरायली बंधकों की आपबीती - December 8, 2023
- Wedding Season में पेट की सूजन और एसिडिटी कम करने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय - December 8, 2023
मंडी: अब हिमाचल प्रदेश की ठंड से बिजली तैयार करने का नया शोध हुआ है। अधिक बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली गुल होने की समस्या नहीं रहेगी। इतना ही नहीं, आपदा के दौरान मोबाइल भी आसानी से चार्ज हो जाएंगे। कुछ ऐसा ही कोल्ड करंट उपकरण तैयार किया है। राजकीय पीजी कालेज नाहन के साइंस के छात्र प्रियांशु व शालिनी शर्मा ने। उक्त कालेज के विद्यार्थी द्वारा नए शोध के साथ आईआईटी मंडी में शुरू हुए हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक-2023 (एचएसटी) के सातवें संस्करण में पहुंचे हैं। शाोधकत्र्ता प्रियांशु व शालिनी शर्मा ने बताया कि कोल्ड करंट उपकरण का तैयार करने का मुख्य उद्देश्य बर्फबारी से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की समस्या का निराकरण करना है, ताकि लंबे समय तक बिजली गुल रहने की समस्या से लोगों को छूटकारा मिल सके। वहीं आपदा से प्रभावित क्षेत्र में भी कोल्ड करंट उपकरण से उपयोग करके लोग आसानी से अपने मोबाइल को चार्ज करके एक-दूसरे से आसानी से संपर्क कर सकते हैं। (एचडीएम)
कैसे काम करता है कोल्ड करंट उपकरण
शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए कोल्ड करंट उपकरण में थर्मो इलेक्ट्रिकल का इस्तेमाल करके उस ठंड को बिजली में परिवर्तित किया है। उपकरण में लगाए गई सैमीकंडक्टर प्लेट के इस्तेमाल से ठंडा तापमान हीट में तबदील होता है। इसमें किसी भी इधर के प्रयोग की जरूरत नहीं हैं। इस उपकरण को हीट देकर डीसी करंट बिजली बदल देगा। एक बार तापमान देना होगा। इसके उपरांत उपकरण को ठंड में रख देना है। इसके उपरांत उपकरण लगातार दो घंटे तक बिजली देता रहेगा। डीसी करंट, जिससे हम अपने फोन व घर में उर्जा के रुप में प्रयोग कर सकते हैं। उपकरण को जितनी अधिक हिट देंगे, उससे उतनी अधिक बिजली प्राप्त कर सकेंगे।