dhaakad movie review : कंगना रानौत का ऐक्शन खडे कर देगा रौंगटे

dhaakad movie review: Kangana Ranaut's action will make you go crazy
dhaakad movie review: Kangana Ranaut's action will make you go crazy
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Dhaakad Movie Review : कंगना रनौत (Kangana Ranaut), अर्जुन रामपाल (Arjun Rampal) और द‍िव्‍या दत्ता (Divya Dutta) स्‍टारर‍ फिल्‍म ‘धाकड़’ (Dhaakad) आज र‍िलीज हो चुकी है. कंगना रनौत अपनी इस‍ फिल्‍म में जमकर एक्‍शन करती हुई नजर आ रही हैं. ‘ड्रैगन फ्लाई’ नाम की ये स्पेशल एजेंट अच्‍छे अच्‍छों के पसीने छुड़ाने के ल‍िए अकेले ही काफी है. कंगना रनौत के सामने एक नहीं बल्‍क‍ि दो-दो धाकड़ विलेन हैं अर्जुन रामपाल और द‍िव्‍या दत्ता और इन दोनों ने कंगना के ल‍िए इस फिल्‍म में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं. एक्शन फिल्‍मों की भारत में एक अलग ही ऑडियंस है और ‘धाकड़’ में सबसे बड़ा क‍िक है कि ये एक्‍शन आपको कंगना रनौत करते हुए नजर आ रही हैं. कंगना ने अपना वजन कम करने से लेकर जबरदस्‍त एक्‍शन करने तक, इस फिल्‍म के ल‍िए काफी मेहनत की है. अब जान‍िए ये फिल्‍म कंगना की मेहनत सफल कर पाती है या नहीं.

कहानी: अग्‍न‍ि (कंगना रनौत) एक स्‍पेशल एजेंट हैं जो यूरोप में वुमेन ट्रैफिकिंग का स‍िंड‍िकेट तोड़ कई लड़कियों को बचा लेती हैं. इसी बीच इस सारे गलत धंधे का असली मास्‍टरमाइंड पकड़ने के लिए उसे इंडिया लाया जाता है. हालांकि इंडिया से उसकी कुछ ऐसी यादें जुड़ी हैं कि वो यहां आना नहीं चाहती, पर फिर वो आती है इंडिया और उसे ढूंढना है रुद्रवीर (अर्जुन रामपाल) और रोह‍िणी (द‍िव्‍या दत्ता) को जो कोयला चुराने और वुमेन ट्रैफिकिंग का धंधा चलाते हैं. यही है इस फ‍िल्‍म की कहानी.

कहानी और स्‍क्रीनप्‍ले की बात करें तो शुरुआती 10 से 15 मिनट काफी बोरिंग है. पहले ही सीन में एजेंट अग्नि बनीं कंगना एक्‍शन करती द‍िखती हैं, लेकिन वो ऐसा क्‍यों कर रही हैं क्‍या हो रहा है, आपको कुछ समझ नहीं आएगा. कहानी से कनेक्ट करना काफी मुश्किल होता है. फिल्‍म का स्‍क्रीनप्‍ले बहुत स्‍लो है और बोझ‍िल भी. ये एक एक्‍शन फिल्‍म है और द‍िक्‍कत ये है कि आप स‍िर्फ बेसलेस एक्‍शन ही देखते रहेंगे. मेरी श‍िकायत एडिट‍िंग टीम से भी रहेगी क्‍योंकि ये फिल्‍म वैसे तो 2 घंटे 13 म‍िनट की ही है, लेकिन जब आप स‍िनेमाघरों में जाएंगे तो आपको ये 2 घंटे काटना भी मुश्किल हो जाएगा. अर्जुन रामपाल की दहशत वाली इमेज क्रिएट करने के ल‍िए कई सीन्‍स काफी खींचे गए हैं. साथ ही फिल्‍म की एक लोरी है और कुछ सीन्‍स, जो बार-बार पर्दे पर आते हैं. ये ए‍क-दो बार के बार बोर‍िंग लगने लगते हैं. ध्‍यान रख‍िएगा, इस लोरी को सुनकर आप भी स‍िनेमाघरों में सो सकते हैं.

फ्लैट फेस वाली कंगना क्‍यों…
धाकड़ में कंगना रनौत को एक एक्‍शन हीरोइन के तौर पर पेश क‍िया है, लेकिन बाकी क‍िसी बॉलीवुड एक्‍शन फिल्‍म की तरह एक्शन करते-करते कंगना भी यहां एक्टिंग नहीं कर रही हैं. कई जगह कंगना ब्लैंक फेस के साथ फिर से ‘कृष’ वाली रोबोट लगने लगती हैं. कंगना जब गोली चलाती हैं तो कई सारे गुंडे एक साथ गिर जाते हैं, लेकिन वही जब कंगना की गोलियां खत्म होती है और गुंडे गोलियां बरसाते हैं, तो कंगना झुक-झुक कर गोल‍ियों से बच जाती हैं. फिल्‍म की लाइट‍िंग, सेट भी इतना डार्क और लो मूड का है कि बार-बार आप बोझ‍िल सा महसूस करेंगे. हां कंगना के ऐजेंट बनें शर‍िब हाशमी जब भी स्‍क्रीन पर आते हैं आपको थोड़ा र‍िलेक्‍स और नॉर्मल महसूस होता है. लेकिन इसके अलावा हर कोई फ्लैट फेस के साथ सिर्फ ढिशुम-ढिशुम करने में बिजी है. फिल्‍म का फर्स्‍ट हाफ तो काफी ज्‍यादा बोर‍िंग है.

इंटरवल के बाद कंगना रनौत का थोड़ा सा इमोशनल साइड भी नजर आता है. वह थोड़ी भावुक दिखती हैं, रोती भी हैं, एक बच्ची को बचाने के लिए सब कुछ करती नजर आती हैं. लेकिन इस सेकंड हाफ तक पहुंचने के लिए आपको पूरा फर्स्‍ट हाफ देखना होगा. इस फिल्‍म में सस्पेंस बिल्कुल भी नहीं है. कहानी में क्‍या होने वाला है, आपको पहले से ही सब पता होता है. इतना ही नहीं, कुछ ज्‍यादा देर पहले ही पता चल जाता है.

कंगना रनौत की फिल्‍म में द‍िव्‍या दत्ता द‍िल जीत लेंगी
कहते हैं हीरो उतना ही बड़ा, ज‍ितना भयानक और खतरनाक विलेन उसके सामने हो. चाहे अब शोल का गब्‍बर उठा लीज‍िए या म‍िस्‍टर इंडिया का मोगेम्‍बो… यही स्‍ट्रैटजी धाकड़ में अपनाई गई है. एजेंट अग्नि बनी कंगना के सामने अर्जुन रामपाल और द‍िव्‍या दत्ता जैसे दो भयानक विलेन खड़े क‍िए गए हैं जो द‍िल में खौफ पैदा कर देते हैं. ये दोनों बीच-बीच में आपको साइको व‍िलेन जैसे लगते हैं, ज‍िन्‍हें खून करने में मजा आता है.

अर्जुन रामपाल के कुछ सीन्‍स इतने खौफनाक हैं कि क्‍या बताएं, वहीं द‍िव्‍या दत्ता के अभ‍िनय से आप इंप्रेेस हुए ब‍िना नहीं रह सकते. द‍िव्‍या कुछ-कुछ सीन्‍स में कमाल कर गई हैं. दरअसल एजेंट अग्नि बनीं कंगना रनौत खूब मारधाड़ कर रही हैं, लेकिन स्‍क्रीन पर एक्टिंग करने का काम द‍िव्‍या और अर्जुन ने ही क‍िया है. अर्जुन रामपाल का एक सीन देखकर आपको ‘पद्मावत’ का वो ख‍िलजी याद आ जाएगा, जो अपने भूखे स‍िपाह‍ियों को लड़ने के लिए भाषण देता है और मातृभूमि और मुगल‍िया सल्‍तनत का वास्‍ता देता है. ऐसा ही एक सीन अर्जुन भी इस फिल्‍म में कर रहे हैं, और कोयले की चोरी के ल‍िए जवान लड़कों को समझा रहे हैं.

आख‍िर में आप समझ ही गए होंगे कि ये फिल्‍म थ‍िएटर्स में जाकर देखना एक टफ-टास्‍क साब‍ित हो सकती है. अगर फिल्‍म देखने की वजह आपको चाहिए तो वह हैं द‍िव्‍या दत्ता और अर्जुन रामपाल की एक्टिंग और कंगना का एक्‍शन. कहानी के बारे में ज्‍यादा होप मत रख‍िएगा. मेरी तरफ से इस फ‍िल्‍म को 2 स्‍टार.