आप भी तो नहीं कर रहीं गुरुवार के दिन ये छोटी-छोटी गलतियां, भगवान विष्णु हो सकते हैं नाराज!

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नई दिल्ली। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu)को समर्पित होता है. इन दिन भगवान श्रीहरि विष्णु जी की भक्ति भाव से पूजा-उपासना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. ज्योतिषों की मानें तो गुरू के बली रहने से हर एक जातक के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है. अगर किसी का विवाह ना हो रहा तो गुरुवार ( guruwaar puja) की पूजा से फल मिलता है, इसके अलावा संतान प्राप्ति के लिए भी इस दिन पूजा की जाती है. हर गुरुवार को विशेष रूप से व्रत आदि किया जाता है. आपको बता दें कि गुरुवार व्रत की शुरुआत खरमास (kharmaash)और चातुर्मास में छोड़कर कभी भी की जा सकता है लेकिन महीनों में शुक्ल पक्ष होना चाहिए. लेकिन क्या आपको बता है कि हर एक फल देने वाले इस दिन किन कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए-

गुरुवार के दिन ये क्या गलती से भी ना करें
-गुरुवार के दिन घर में किसी को बाल नहीं कटवाना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो बृहस्पति देव नाराज हो जाते हैं और फिर में अनजाने संकटों का आगमन हो जाता है.

-इस दिन बालों को खासकर महिलाओं को बालों को धाने की खास मनाही होती है. अगर आप ऐसा करती हैं, तो घर में धन नष्ट होता है.

-गुरुवार के दिन कभी साबुन लगाकर कपड़े नहीं धोने चाहए. ज्यतिषों की मानें तो गुरुवार के दिन साबुन और शैंपु के उपयोग से गुरु कमजोर होता है.

-इसके अलावा इस दिन नाखूनों को भी नहीं काटना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन इन चीजों को करने से गुरु कमजोर होता है, जिससे घर की सुख सम्पत्ति और धन का ह्वास होता है,

-गुरुवार के दिन जहां तक हो किसी को भी उधार का लेन देन नहीं करना चाहिए.

-इस दिन बिना स्नान किए भी नहीं रहना चाहिए

-इस दिन खास रूप से व्रत रखने वाले लोग केले और किसी भी प्रकार के चावल का सेवन ना करें.

-बिना घर में झाड़ू लगे कहीं बाहर नहीं जाना चाहिए

गुरुवार के दिन क्या करने का है महत्व
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ सफाई करना चाहिए, इस दिन सुबह स्नान करने पीले वस्त्र पहनने चाहिए. इस दिन केले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए, पूजा में गुड़, चने की दाल, केले, पीले चंदन और फूल को अर्पित करना चाहिएए. अंत में गुरुवार व्रत कथा की पाठ पढ़ें और आरती करके भगवान श्रीहरि विष्णु जी अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें. इस दिन फलाहार के साथ व्रत रहना चाहिए.